दिल्ली की हवा एक बार फिर इंसान के लिए खतरा बन चुकी है। राजधानी में ऐसी जहरीली धुंध फैल गई है, जिसमें सांस लेना मानो किसी धीमे जहर को शरीर में जाने देना हो। लोग आंखों में जलन, गले में दर्द और सांस की तकलीफ को अपनी सामान्य दिनचर्या की तरह झेलने पर मजबूर हैं। दिल्ली की अदालतों में भी अब प्रदूषण की मार साफ दिखाई देने लगी है। ऐसा ही दृश्य मंगलवार को नजर आया, जब सुप्रीम कोर्ट में एक वकील की आवाज बैठ गई और नए मुख्य न्यायाधीश को भी इस हालत पर टिप्पणी करनी पड़ी।
दिल्ली की अदालत में प्रदूषण पर तीखी टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान प्रदूषण की समस्या अदालत के भीतर से ही चर्चा में आ गई। सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन जब अपना पक्ष रख रहे थे, तभी उन्हें अचानक खांसने की समस्या होने लगी। उन्होंने न्यायाधीशों को कहा कि उनकी आवाज बैठ रही है और उन्हें माफी देनी चाहिए। तभी मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत ने मुस्कराते हुए कहा कि आज पूरे दिल्ली का यही हाल है। यह टिप्पणी केवल मजाक नहीं थी, बल्कि दिल्ली की गंभीर हालत पर एक तीखा संकेत थी।
वकील की आवाज बैठने पर CJI की प्रतिक्रिया
सूर्य कांत ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली थी। दूसरे ही दिन अदालत की पहली बैठक में उन्हें दिल्ली की हवा की असलियत का सामना करना पड़ा। उनकी यह बात साफ बताती है कि इंसाफ देने वाली जगह पर भी लोग प्रदूषित हवा का असर झेल रहे हैं। यह दिखाता है कि अब प्रदूषण अदालतों, अस्पतालों, स्कूलों, दफ्तरों और घरों तक फैला हुआ है, और इससे कोई भी नहीं बच पा रहा।
राजधानी में घनी धुंध और जहरीला धुआं
राष्ट्रीय राजधानी की सुबह अब धुंध से ढकी रहती है। हवा में घुला जहरीला धुआं आंखों में चुभन पैदा कर रहा है। सोमवार और मंगलवार के बीच हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई। मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की रिपोर्ट भी इस डर को और बढ़ाती है। हवा का स्तर खराब ही नहीं, बल्कि बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुका है।
विदेश से आए राख के गुबार ने बढ़ाई चिंता
दिल्ली का प्रदूषण केवल वाहन, कारखाने और निर्माण कार्यों से नहीं बढ़ रहा, बल्कि एक नया खतरा भी इसके साथ जुड़ गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि विदेश से आए राख के गुबार ने भी इस जहरीले माहौल को बढ़ाया है। इथियोपिया में एक ज्वालामुखी के फटने से उठी राख अब दिल्ली तक पहुंचने लगी है। यह खबर राजधानी में चिंता और बढ़ा देती है।
इथियोपिया के ज्वालामुखी से उठा जहरीला बादल
इथियोपिया के अफार क्षेत्र में मौजूद हायली गुब्बी नामक ज्वालामुखी रविवार को फट गया। इससे निकली राख लगभग 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गई। यह राख हवा के साथ लाल सागर की ओर बढ़ी और फिर पूर्व दिशा में फैलने लगी। मौसम ब्यूरो के अनुसार यह राख धीरे-धीरे एशिया की ओर बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस राख के कुछ कण भारत के कुछ इलाकों में प्रभाव डाल सकते हैं।
मौसम विभाग ने दी नई चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि राख का यह गुबार चीन की ओर बढ़ रहा है और मंगलवार शाम तक भारत से बहुत दूर चला जाएगा। लेकिन पूर्वानुमान के अनुसार इसका असर गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर पर देखने को मिल सकता है। विभाग ने यह भी कहा कि हवा के रुख के बदलने पर असर और बढ़ सकता है।
दिल्ली के AQI में लगातार बढ़ोतरी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि मंगलवार को दिल्ली का AQI 360 दर्ज हुआ। यह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले सोमवार को यह स्तर 382 के करीब था। दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में हवाओं का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका है। यह स्थिति आने वाले कुछ दिनों तक और बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना बहुत कम है।
सरकार के इंतजार में जनता परेशान
दिल्ली के लोग प्रशासन की ओर उम्मीद से देख रहे हैं। मास्क पहनकर रहना अब मजबूरी बन गया है। कुछ लोग शहर छोड़कर अपने गांवों या पहाड़ी इलाकों में चले जाने की सोच रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग और सांस के रोगी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। वैज्ञानिक स्पष्ट कर चुके हैं कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहना शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। ऐसे में सरकार और जनता को मिलकर इस संकट से छुटकारा पाने की कोशिश करनी होगी।