दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में कमी : ब्लैक स्पॉट सुधार से सुरक्षित हुआ सफर
राजधानी दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली सरकार के संयुक्त प्रयासों से वर्ष 2025 में सड़क हादसों में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। शहर के 143 ब्लैक स्पॉट पर सुधार कार्य पूरे किए गए हैं, जिससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी आई है बल्कि नागरिकों का सफर अब अधिक सुरक्षित हुआ है।
सड़क हादसों में गिरावट के पीछे की रणनीति
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने हाल के वर्षों में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इसका मुख्य उद्देश्य रहा है — उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना, सड़क अवसंरचना में सुधार करना और दुर्घटना के प्रमुख कारणों को कम करना।
ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि क्रैश रिसर्च सेल ने दुर्घटना मृत्यु दर और घातक स्थलों का गहन अध्ययन किया। जिन स्थानों पर हादसों की संभावना अधिक पाई गई, वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए गए।
घातक हादसों में भी कमी
2024 की तुलना में इस वर्ष घातक सड़क दुर्घटनाओं में 2.9 प्रतिशत की स्थिर गिरावट आई है। पिछले वर्ष जहां 1,178 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई थी, वहीं इस वर्ष यह संख्या घटकर 1,149 रह गई है। इसी प्रकार, घातक दुर्घटनाओं की संख्या 1,148 से घटकर 1,115 दर्ज की गई है।
143 ब्लैक स्पॉट पर हुए सुधार
ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में 143 ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उन पर व्यापक सुधार कार्य किया गया। इन स्थानों पर सड़क का पुनः डिज़ाइन, साइन बोर्ड की स्थापना, सड़क मरम्मत, और पैदल यात्रियों के लिए विशेष क्रॉसिंग बनाई गईं।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली के प्रत्येक जिले में जिला सड़क सुरक्षा समितियों की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि विभिन्न विभाग मिलकर सड़कों को अधिक सुरक्षित बना सकें।
ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को मिला विशेष प्रशिक्षण
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 3,600 से अधिक ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को आधुनिक तकनीकों पर विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन कर्मियों को उच्च जोखिम वाले मार्गों की पहचान, दुर्घटनाओं का विश्लेषण और आपात स्थितियों से निपटने के तरीकों की जानकारी दी गई।
ट्रैफिक पुलिस ने विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के आसपास के 30 से अधिक क्षेत्रों में स्पीड नियंत्रण के उपाय लागू किए हैं। इनमें स्पीड ब्रेकर, राउंडअबाउट सुधार और पैदल यात्री क्रॉसिंग शामिल हैं।
विशेषज्ञों की सक्रिय भूमिका
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस लगातार सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की सलाह ले रही है। अजय चौधरी ने बताया कि नई तकनीकों और शोध आधारित उपायों से न केवल सड़कें सुरक्षित हुई हैं, बल्कि नागरिकों में भी यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल दुर्घटनाओं को कम करना नहीं, बल्कि दिल्ली को एक सुरक्षित यातायात शहर बनाना है। नई तकनीक और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
सड़क सुरक्षा में जनता की भूमिका भी अहम
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, सड़क सुरक्षा में नागरिकों की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि लोग यातायात नियमों का पालन करें, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग नियमित रूप से करें, तो दुर्घटनाओं की संख्या में और भी अधिक कमी लाई जा सकती है।
निष्कर्ष : सुरक्षित दिल्ली की दिशा में ठोस कदम
दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में कमी केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है। ब्लैक स्पॉट सुधार, पुलिस प्रशिक्षण, और सड़क सुरक्षा उपायों के संयोजन से राजधानी अब पहले की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित हो गई है। यदि ये प्रयास इसी दृढ़ता से जारी रहे, तो निकट भविष्य में दिल्ली देश के सबसे सुरक्षित यातायात शहरों में शामिल हो सकती है।