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Delhi News: दुबई बेस्ड किंगपिन का साइबर सिंडिकेट दिल्ली में धराशायी, बैंक कर्मी समेत पाँच गिरफ्तार

Dubai Cybercrime Syndicate News: दुबई बेस्ड किंगपिन का भारत में साइबर फ्रॉड नेटवर्क बेनकाब, बैंक कर्मचारी समेत पाँच गिरफ्तार
Dubai Cybercrime Syndicate News: दुबई बेस्ड किंगपिन का भारत में साइबर फ्रॉड नेटवर्क बेनकाब, बैंक कर्मचारी समेत पाँच गिरफ्तार ( Image Source: pxl-vision)
अक्टूबर 31, 2025

दुबई में बैठा मास्टरमाइंड, भारत में चल रहा था साइबर फ्रॉड का जाल

नई दिल्ली, 31 अक्तूबर — दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक पैन-इंडिया साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसका संचालन दुबई में बैठे एक भारतीय किंगपिन द्वारा किया जा रहा था। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर भी शामिल है।

जांच में सामने आया है कि यह गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर देशभर में ठगी का पैसा करंट अकाउंट्स के ज़रिए घुमाता था और बाद में उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेज देता था।


बैंक अधिकारी भी शामिल, हर खाते पर 1.5 लाख रुपये कमीशन

अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह हर नए बैंक खाते के बदले 1.5 लाख रुपये तक का कमीशन कमाता था। गिरोह का बैंक कर्मचारी अनूप (35 वर्ष) न केवल फर्जी करंट अकाउंट खुलवाने में मदद करता था, बल्कि NCRP (नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) से जुड़ी अलर्ट जानकारी भी रैकेट को लीक कर देता था।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मंजीत सिंह (28), मंशवी (23), मनीष मेहरा (33), सोमबीर (43) और अनूप (35) के रूप में हुई है। इन्हें दिल्ली, गुरुग्राम और हिसार से संयुक्त छापेमारी में पकड़ा गया।


फर्जी कंपनियों से फंड ट्रांसफर, फिर क्रिप्टो में कन्वर्जन

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने अब तक कम से कम तीन फर्जी फर्में बनाईं और उनके माध्यम से आठ बैंक खाते खोले। इन खातों में ठगी से प्राप्त रकम जमा होती थी, जिसे बाद में क्रिप्टोकरेंसी यूएसडी टेथर (USDT) में परिवर्तित कर विदेश भेजा जाता था, ताकि पैसे की ट्रेसिंग मुश्किल हो सके।


डिजिटल निगरानी से मिली सफलता

दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह तक पहुंचने के लिए डिजिटल सर्विलांस का सहारा लिया। जून में दर्ज एक ई-एफआईआर की जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिला कि गिरोह का संचालन दुबई से रहने वाले एक व्यक्ति “टॉम” के निर्देश पर हो रहा है।

टॉम पूरे नेटवर्क को ऑनलाइन माध्यम से नियंत्रित करता था, जबकि भारत में मौजूद सदस्य फर्जी खातों, सिम कार्डों और कंपनियों के जरिए उसकी गतिविधियों को अंजाम देते थे।


भारी मात्रा में डिजिटल और बैंकिंग साक्ष्य बरामद

अपराध शाखा के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि छापेमारी में पुलिस ने 18 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप (जिसमें क्रिप्टो वॉलेट डेटा), 36 सिम कार्ड, कई चेकबुक्स और बैंक स्टेटमेंट्स बरामद किए हैं।

इन दस्तावेजों का संबंध अब तक 12 राज्यों — तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, केरल और हरियाणा — में दर्ज 52 साइबर फ्रॉड मामलों से जुड़ा हुआ पाया गया है।


अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच जारी

पुलिस अब इस नेटवर्क के विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह न केवल भारत में बल्कि दुबई और अन्य मध्य-पूर्वी देशों में भी फर्जी खातों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था।

जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के माध्यम से कितनी राशि विदेश भेजी गई और दुबई स्थित मुख्य आरोपी टॉम की असली पहचान क्या है।


यह मामला दिखाता है कि कैसे तकनीक और बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर साइबर अपराधी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बना रहे हैं। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई भारत में बढ़ते साइबर फ्रॉड पर बड़ी कार्रवाई के रूप में देखी जा रही है। अब पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि क्या यह नेटवर्क किसी बड़े ऑनलाइन ठगी सिंडिकेट से जुड़ा है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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