दिल्ली-एनसीआर में हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में, लागू हुआ ग्रेप-3
GRAP-3 Restrictions: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सांस लेना और कठिन हो गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंचते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने की घोषणा की है। अब दिल्ली-एनसीआर में कई गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है ताकि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित किया जा सके।
वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर, दिल्ली का AQI 425 पार
सोमवार को दिल्ली का औसत AQI 362 दर्ज किया गया था जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। लेकिन मंगलवार सुबह यह बढ़कर 425 हो गया, जो “गंभीर” श्रेणी में है। यह इस मौसम का अब तक का सबसे खराब स्तर है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार, वजीरपुर, बवाना और पंजाबी बाग जैसे इलाकों में AQI 450 के पार चला गया है। इसका सीधा असर आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर।
AQI डेटा:
| इलाका | एक्यूआई | श्रेणी |
|---|---|---|
| आनंद विहार | 442 | गंभीर |
| आईटीओ | 433 | गंभीर |
| मुंडका | 455 | गंभीर |
| रोहिणी | 451 | गंभीर प्लस |
| वजीरपुर | 460 | गंभीर प्लस |
| पंजाबी बाग | 451 | गंभीर प्लस |
| चांदनी चौक | 420 | गंभीर |
| अलीपुर | 434 | गंभीर प्लस |
| बवाना | 462 | गंभीर प्लस |
| नोएडा सेक्टर-125 | 400 | गंभीर |
| गाजियाबाद, वसुंधरा | 405 | गंभीर |
| गुरुग्राम सेक्टर-51 | 408 | गंभीर |
GRAP-3 Restrictions: ग्रेप-3 के तहत क्या हैं प्रतिबंध
ग्रेप-3 के लागू होने के साथ ही अब दिल्ली-एनसीआर में कई गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करना है।
गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक
सभी प्रकार के गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्य जैसे मिट्टी खोदना, पाइलिंग, ट्रेंचिंग और रेडी-मिक्स कंक्रीट संयंत्रों का खुले में संचालन अब बंद रहेगा।
पुराने वाहनों पर पाबंदी
BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे वाहन सड़कों पर पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
औद्योगिक और परिवहन गतिविधियों पर नियंत्रण
GRAP-3 Restrictions: कच्ची सड़कों पर रेत और सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री के परिवहन पर रोक लगाई गई है। साथ ही, स्टोन क्रशर, खनन और स्वच्छ ईंधन से नहीं चलने वाले हॉट-मिक्स संयंत्रों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
डीजल जेनरेटर और बसों पर रोक
आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी डीजल जनरेटर सेट बंद रहेंगे। वहीं, अंतर-राज्यीय डीजल बसों के प्रवेश या संचालन पर भी प्रतिबंध रहेगा।
किन सेवाओं को मिलेगी छूट
हालांकि, जरूरी सार्वजनिक परियोजनाओं को मानदंडों का पालन करते हुए काम जारी रखने की अनुमति दी गई है। इनमें रेलवे, मेट्रो निर्माण, हवाई अड्डे, रक्षा से जुड़े कार्य, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।
स्वास्थ्य पर खतरा, सरकार की बड़ी चिंता
प्रदूषण का स्तर बढ़ने से अस्पतालों में सांस और आंखों की जलन जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि AQI के गंभीर स्तर पर पहुंचने से फेफड़ों और हृदय रोगियों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और मास्क का प्रयोग करें।
GRAP-3 Restrictions: शिक्षण संस्थानों और निजी दफ्तरों के लिए निर्देश
दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि कक्षा 5 तक की कक्षाएं अस्थायी रूप से ऑनलाइन मोड में चलाई जा सकती हैं ताकि बच्चों को जहरीली हवा से बचाया जा सके।
निजी कंपनियों को भी कर्मचारियों के लिए “वर्क फ्रॉम होम” या हाइब्रिड मोड अपनाने की सलाह दी गई है।
बिगड़ती हवा पर क्या बोले विशेषज्ञ
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा मुख्यतः पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण और प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण जहरीली हो गई है।
आईआईटी-कानपुर के पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, “जब तक प्रदूषण के मूल स्रोतों पर नियंत्रण नहीं होगा, तब तक ग्रेप जैसे अस्थायी उपाय केवल राहत देंगे, समाधान नहीं।”
भविष्य के लिए सख्त कदमों की जरूरत
GRAP-3 Restrictions: हर साल सर्दियों में दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक समाधान के लिए स्थायी नीति अपनानी होगी जिसमें स्वच्छ ईंधन, हरित परिवहन और औद्योगिक नियमन शामिल हों।