इंडिया गेट पर मादवी हिडमा समर्थन के नारे और पुलिस कार्रवाई
प्रदर्शन के बीच अचानक विवादास्पद नारेबाजी
राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट, जहां आमतौर पर शांति और अनुशासन के बीच नागरिक विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं, रविवार को अचानक हलचल का केंद्र बन गया। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खिलाफ आयोजित एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक तब विवादों में घिर गया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुख्यात माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। ‘मादवी हिडमा अमर रहे’ जैसे नारे वहां मौजूद लोगों के बीच आश्चर्य और तनाव दोनों का कारण बने।
मादवी हिडमा कौन था और क्यों विवाद में रहा
मादवी हिडमा लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती माना जाता रहा है। नक्सली गतिविधियों में उसकी प्रमुख भूमिका को देखते हुए वह सुरक्षा बलों की सूची में सबसे वांछित कमांडरों में शामिल था। बताया जाता है कि हिडमा कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा, जिनमें सुरक्षा बलों पर किए गए हिंसक हमले भी शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ के दौरान उसकी मौत के बाद भी उसका नाम नक्सली संगठनों में प्रतीकात्मक महत्व रखता है। इसी पृष्ठभूमि में उसका समर्थन करने वाली नारेबाजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर मुद्दा बन गई।
दिल्ली पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
नारों के फैलते ही पुलिस ने तेजी से स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने और उन्हें हटाने का प्रयास किया। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने अचानक बैरिकेड तोड़कर सड़क पर बैठने की कोशिश की, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की पहचान करते हुए 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पेपर स्प्रे से पुलिसकर्मी घायल
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने की प्रक्रिया में थी, तभी भीड़ में से कुछ लोगों ने अचानक पेपर स्प्रे का इस्तेमाल कर दिया। इससे कई पुलिसकर्मी प्रभावित हुए, जिनकी आंखों और चेहरे पर तेज जलन की शिकायत हुई। घायल कर्मियों को तत्काल इलाज के लिए आरएमएल अस्पताल भेजा गया। इस घटना ने मामले को और गंभीर बना दिया और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।
#WATCH | Delhi: A group of protesters holds a protest at India Gate over air pollution in Delhi-NCR. They were later removed from the spot by police personnel pic.twitter.com/DBEZTeET0U
— ANI (@ANI) November 23, 2025
एफआईआर दर्ज, जांच तेज
घटना के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इनमें सरकारी काम में बाधा डालने, सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने जैसे आरोप शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो की जांच की जा रही है ताकि इस विरोध प्रदर्शन के पीछे की मंशा और संभावित संगठनों की भूमिका का पता लगाया जा सके।
प्रदूषण विरोधी आंदोलन में यह नारेबाजी क्यों
इंडिया गेट पर एक गैर-राजनीतिक और पर्यावरण-केन्द्रित प्रदर्शन के दौरान इस प्रकार की नारेबाजी का उठना कई सवाल खड़े करता है। प्रदर्शनों के आयोजकों ने कहा कि उनके मंच के माध्यम से किसी प्रकार की उग्रवादी विचारधारा को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। आयोजकों ने यह भी स्पष्ट किया कि नारे लगाने वाले लोग उनके समूह का हिस्सा नहीं थे, और ऐसे तत्वों ने लोकतांत्रिक विरोध का दुरुपयोग किया है।
दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता संकट
इस विवाद से अलग यदि मूल मुद्दे पर बात करें, तो दिल्ली में प्रदूषण लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। सर्दियों में औसत AQI बहुत खराब स्थिति में पहुंच जाता है और नागरिक स्वच्छ हवा के अधिकार को लेकर लगातार आवाज उठाते हैं। इस प्रदर्शन का उद्देश्य भी इसी समस्या पर ध्यान आकर्षित करना था, लेकिन बीच में हुई नारेबाजी ने चर्चा का केंद्र प्रदूषण से हटाकर सुरक्षा और उग्रवाद की ओर मोड़ दिया।
जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। कुछ उपयोगकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों द्वारा मादवी हिडमा के समर्थन को कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताया, जबकि कुछ लोगों का मानना था कि पुलिस को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर इतनी कड़ी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी। हालांकि, बड़ी संख्या में लोगों ने पेपर स्प्रे के इस्तेमाल की निंदा की और इसे अनुशासनहीनता का गंभीर उदाहरण बताया।
दिल्ली पुलिस की भूमिका और चुनौतियाँ
दिल्ली जैसे महानगर में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन अक्सर सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती पैदा करते हैं। बड़ी आबादी और संवेदनशील स्थानों के कारण पुलिस को हर स्थिति पर सतर्क रहना पड़ता है। इस घटना में पुलिस को न केवल भीड़ नियंत्रण बल्कि उग्रवादी नारेबाजी और उस पर लोगों की प्रतिक्रिया को संतुलित करना पड़ा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता है।
आगे क्या
फिलहाल पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह नारेबाजी किसी संगठित योजना का हिस्सा थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं कानून-व्यवस्था के साथ-साथ राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी सामने लाती हैं। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच के आधार पर पुलिस और प्रशासन की अगली कार्रवाई तय होगी।