नई पर्यटक ट्रेनों के माध्यम से सांस्कृतिक पर्यटन को नया आयाम
भारत की सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक धरोहरों का परिचय कराने में रेल यात्राएँ सदैव महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने गुजरात और राजस्थान की विरासत को समर्पित दो नई पर्यटक ट्रेनों—गरवी गुजरात और पधारो राजस्थान—के संचालन की घोषणा की है। यह पहल न केवल घरेलू पर्यटकों को दोनों राज्यों की उत्कृष्ट संस्कृति और इतिहास से जोड़ने का माध्यम बनेगी, बल्कि भारत में थीम आधारित पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगी।
गरवी गुजरात ट्रेन: दस दिवसीय यात्रा में गुजरात की सांस्कृतिक धरोहरों का समग्र दर्शन
सफदरजंग रेलवे स्टेशन से 13 जनवरी को रवाना होने वाली ‘गरवी गुजरात’ विशेष पर्यटक ट्रेन पर्यटकों के लिए गुजरात की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को करीब से देखने का अवसर प्रदान करेगी। दस दिनों की इस यात्रा में यात्री वडोदरा, विश्व धरोहर स्थल चंपानेर-पावागढ़, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सोमनाथ, दीव, द्वारका, अहमदाबाद, मोढेरा के सूर्य मंदिर, पाटन की रानी की वाव तथा वडनगर की ऐतिहासिक गलियों का अनुभव कर सकेंगे।
गुजरात की सांस्कृतिक छवि सदियों से कला, स्थापत्य, व्यापार और धर्म के साथ विकसित हुई है। चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान की स्थापत्य शैली, रानी की वाव की अद्वितीय नक्काशी, मोढेरा सूर्य मंदिर की कला-परंपरा और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की भव्यता—ये सभी स्थान गुजरात के गौरवशाली अतीत का परिचय देते हैं। गरवी गुजरात ट्रेन इसी सांस्कृतिक यात्रा को अत्यंत व्यवस्थित और सहज बनाती है।
पधारो राजस्थान ट्रेन: शाही विरासत और रंग-रूप का अनूठा अनुभव
24 जनवरी को सफदरजंग से रवाना होने वाली ‘पधारो राजस्थान’ पर्यटक ट्रेन जयपुर, जैसलमेर और जोधपुर की यात्रा कराएगी। राजस्थान को भारत की शान कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी। यहां की हवेलियाँ, दुर्ग, महल, लोक-संस्कृति और शौर्य गाथाएँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
जैसलमेर का स्वर्णिम किला, जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग और जयपुर का राजसी वैभव—ये सभी इस यात्रा को विशिष्ट बनाते हैं। पर्यटक इन स्थानों पर राजस्थान की जीवंत परंपरा, वस्त्र, संगीत, खानपान और लोकजीवन को नजदीक से अनुभव कर सकेंगे। ‘पधारो राजस्थान’ इस शाही प्रदेश की आत्मा को अनुभव कराने वाली एक विशेष पहल है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त डीलक्स पर्यटक ट्रेनें
आईआरसीटीसी द्वारा संचालित ये दोनों पर्यटक ट्रेनें पूरी तरह वातानुकूलित हैं और इनमें आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें रेस्तरां कोच, उन्नत रसोईघर, सेंसर आधारित शौचालय, पैर मालिश की व्यवस्था, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की तैनाती शामिल है। इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य यात्रियों को यात्रा के दौरान अधिकतम आराम और सुरक्षा प्रदान करना है।
यात्रा शुल्क और शामिल सुविधाएँ
आईआरसीटीसी ने दोनों पर्यटक ट्रेनों के किराए का निर्धारण यात्रा श्रेणी के आधार पर किया है। गरवी गुजरात ट्रेन में प्रति व्यक्ति 1एसी श्रेणी का शुल्क 95,805 रुपये, 2एसी का 88,230 रुपये और 3एसी का शुल्क 69,085 रुपये रखा गया है। वहीं पधारो राजस्थान ट्रेन में प्रति व्यक्ति 67,900 रुपये (1एसी), 59,180 रुपये (2एसी) और 52,480 रुपये (3एसी) का शुल्क निर्धारित किया गया है।
इन किराए में ट्रेन यात्रा, 3-स्टार होटलों में ठहराव, शाकाहारी भोजन, पर्यटन स्थलों का एसी वाहनों से भ्रमण, यात्रा बीमा और टूर मैनेजर की सेवाएँ शामिल हैं। इससे यात्रियों को एकहीन, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा अनुभव मिलता है।
भारत गौरव डीलक्स एसी ट्रेनें: पर्यटन संवर्धन की सफल पहल
भारत गौरव डीलक्स ट्रेनें भारतीय रेल की पर्यटन संवर्धन नीति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। तीर्थ-पर्यटन, विरासत भ्रमण और सांस्कृतिक यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए इन ट्रेनों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। आईआरसीटीसी की यह नई शुरुआत न केवल देश का पर्यटन बढ़ाएगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी भारतीय विविधता से परिचित कराएगी।
पर्यटन उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत
इन पर्यटक ट्रेनों की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब देश का पर्यटन उद्योग पुनः तेजी पकड़ रहा है। विरासत स्थलों पर बढ़ती आवाजाही और थीम आधारित यात्राओं की लोकप्रियता यह संकेत देती है कि पर्यटक अब यात्रा के केवल आनंद से आगे बढ़कर संस्कृति, इतिहास और अनुभवों की खोज कर रहे हैं। ऐसे में आईआरसीटीसी की यह पहल विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से लाभदायक
इन ट्रेनों के माध्यम से संबंधित राज्यों के पर्यटन स्थलों पर यात्रियों की संख्या बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल, गाइड, हस्तशिल्प व्यवसायों और पर्यटन सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इससे समग्र रूप से रोजगार और आय में वृद्धि होगी, जो राज्य और स्थानीय समुदाय दोनों के लिए लाभदायक है।