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Mallikarjun Kharge: खड़गे का तीखा हमला “आरएसएस पर लगे प्रतिबंध, मोदी कर रहे हैं सरदार पटेल की विरासत का अपमान”

RSS Ban Demand
RSS Ban Demand, पीएम मोदी द्वारा सरदार पटेल की विरासत का अपमान कहकर खड़गे का आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का बयान (Photo: PTI)
अक्टूबर 31, 2025

आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग और राजनीतिक हलचल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि उनके व्यक्तिगत विचार में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में अधिकतर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा-आरएसएस के कारण उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार के कर्मचारियों को संघ से जोड़कर मोदी सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत का अपमान कर रहे हैं।

मोदी पर सीधा हमला और पटेल का संदर्भ

खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का जवाब दिया जिसमें उन्होंने पटेल की जयंती पर कांग्रेस को निशाना बनाया था। खड़गे ने पटेल के 1948 के वक्तव्यों का हवाला दिया, जब गांधीजी की हत्या के बाद उन्होंने आरएसएस की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा, “यह मेरा व्यक्तिगत मत है और मैं खुले तौर पर कहता हूं कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। देश की ज़्यादातर समस्याओं की जड़ यही संगठन है।”

पटेल के विचारों का उल्लेख

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब सरदार पटेल ने स्वयं आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था, तब सरकार को भी उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। “मोदी और अमित शाह को पटेल के विचारों को समझना चाहिए। पटेल ने एकता और शांति के लिए काम किया, पर आज के हालात उस दिशा में नहीं जा रहे,” खड़गे ने कहा।

पटेल की विरासत पर विवाद

खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी पटेल के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, पर उनके आदर्शों का पालन नहीं कर रहे। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल ने देश को जोड़ा, पर आज सत्ता में बैठे लोग उसी एकता को तोड़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह सरकार देश में पुराने जख्मों को फिर से हरा कर रही है, जो राष्ट्रहित में नहीं है।

आरएसएस और गांधी की हत्या का संदर्भ

खड़गे ने एक पुराना पत्र उद्धृत किया जो पटेल ने 4 फरवरी 1948 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखा था। उस पत्र में पटेल ने कहा था कि गांधीजी की हत्या के बाद आरएसएस सदस्यों ने मिठाइयां बांटीं और इससे माहौल बिगड़ा।
उन्होंने कहा, “पटेल ने स्पष्ट लिखा था कि आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों से देश में ऐसा माहौल बना, जिसने गांधीजी की हत्या को जन्म दिया।”

कांग्रेस की विरासत और दो आयरन लीडर

खड़गे ने कहा कि 31 अक्टूबर देश के इतिहास का प्रतीक दिन है, क्योंकि यह सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि दोनों है।
उन्होंने कहा, “देश की एकता और अखंडता के लिए इन दोनों नेताओं का योगदान अविस्मरणीय है। एक ‘आयरन मैन’ थे और दूसरी ‘आयरन लेडी’। दोनों ने देश को जोड़ने का काम किया।”

मोदी का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सरदार पटेल कश्मीर को भी भारत से जोड़ना चाहते थे, पर उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। उन्होंने कांग्रेस पर ब्रिटिश मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा, “देश अब औपनिवेशिक मानसिकता के हर निशान को मिटा रहा है।”

कांग्रेस का पलटवार और गांधी-नेहरू संबंध

खड़गे ने कहा कि भाजपा-आरएसएस लगातार नेहरू और पटेल के बीच मतभेद का भ्रम फैलाते हैं, जबकि दोनों के बीच गहरा सम्मान था। उन्होंने कहा, “नेहरू ने पटेल को भारत की एकता का निर्माता कहा था और पटेल ने नेहरू को देश का आदर्श बताया था।”

कांग्रेस नेताओं की श्रद्धांजलि

खड़गे ने पटेल को “भारत के लौह पुरुष” कहा और बताया कि कराची कांग्रेस में पटेल के नेतृत्व में पारित मौलिक अधिकार प्रस्ताव भारतीय संविधान की आत्मा है।
राहुल गांधी ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “पटेल ने भारत को एक सूत्र में पिरोया। उनकी दूरदृष्टि और साहस हमेशा हमें मार्गदर्शन देगा।”

कांग्रेस और भाजपा के बीच यह विवाद एक बार फिर पटेल की विचारधारा और आरएसएस की भूमिका को लेकर राजनीतिक बहस को गर्म कर गया है। खड़गे के बयान ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जबकि भाजपा इसे कांग्रेस की बौखलाहट बता रही है।


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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