गुजरात के भावनगर शहर में आज सुबह एक बड़ा हादसा टलते-टलते बचा। शहर के व्यस्त इलाके में स्थित एक बहुमंजिला परिसर में अचानक आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया। यह परिसर खासतौर पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए जाना जाता है और यहां कई अस्पताल, पैथोलॉजी लैब और दवा की दुकानें संचालित होती हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और समय पर की गई कार्रवाई से एक बड़े हादसे को टालने में सफलता मिली।
आग लगने की घटना का विवरण
भावनगर के काला नाला इलाके में कालूभर रोड पर स्थित समीप कॉम्प्लेक्स में सुबह करीब नौ बजे आग की लपटें उठने लगीं। शुरुआत में यह आग एक पैथोलॉजी लैब से शुरू हुई बताई जा रही है। चूंकि यह इमारत व्यस्त इलाके में स्थित है और सुबह के समय यहां मरीजों और उनके परिजनों की भारी भीड़ रहती है, इसलिए आग लगते ही पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं और धुएं के गुबार ने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया।
इस परिसर में लगभग दस से पंद्रह अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब और दवा की दुकानें संचालित होती हैं। इनमें कई मरीज इलाज करा रहे थे और कुछ बुजुर्ग तथा बच्चे भी मौजूद थे। आग देखते ही लोगों में दहशत फैल गई और सभी जान बचाकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। संकरी सीढ़ियों और भीड़भाड़ के कारण स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई।
#WATCH | Bhavnagar, Gujarat | Massive fire breaks out at Dev Pathology Lab in the Kala Nala area of Bhavnagar city. Locals quickly got into action and began rescuing and evacuating the children and elderly. Fire teams on the spot. Further details awaited. pic.twitter.com/qptGGkLCz3
— ANI (@ANI) December 3, 2025
स्थानीय लोगों की सूझबूझ
इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय लोगों ने बेहद साहस और सूझबूझ का परिचय दिया। आग लगने की खबर फैलते ही आसपास के युवा और दुकानदार अपने काम छोड़कर मदद के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने बिना किसी स्वार्थ के फंसे हुए मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। कई लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना धुएं भरी इमारत में घुसकर लोगों को बाहर निकाला।
स्थानीय युवकों ने व्हीलचेयर पर बैठे मरीजों को उठाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। कुछ लोगों ने छोटे बच्चों को गोद में लेकर बचाया। इस दौरान किसी ने पानी की बाल्टियां लाकर आग पर डालने की कोशिश की तो किसी ने लोगों को सुरक्षित रास्ता दिखाने में मदद की। यह मानवता की एक शानदार मिसाल थी जब पूरा इलाका एक साथ मिलकर संकट का सामना करने के लिए खड़ा हो गया।
अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। दमकल की तीन गाड़ियां युद्धस्तर पर मौके पर पहुंचीं। अग्निशमन कर्मियों ने पूरी तत्परता के साथ आग पर काबू पाने का काम शुरू किया। उन्होंने इमारत के अलग-अलग हिस्सों से पानी की तेज धार छोड़कर आग को फैलने से रोकने की कोशिश की।
अग्निशमन दल के जवानों ने सबसे पहले यह सुनिश्चित किया कि इमारत में कोई व्यक्ति फंसा तो नहीं है। उन्होंने हर मंजिल की जांच की और किसी भी व्यक्ति के फंसे होने की संभावना को खत्म किया। साथ ही, उन्होंने आग को आसपास की इमारतों तक फैलने से रोकने के लिए विशेष प्रयास किए। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। भावनगर के जिला कलेक्टर मनीष बंसल ने खुद घटनास्थल का निरीक्षण किया और बचाव कार्य की निगरानी की। उन्होंने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि समीप कॉम्प्लेक्स में सुबह नौ बजे के करीब आग लगी थी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस परिसर में कई अस्पताल, दुकानें और दफ्तर संचालित होते हैं।
कलेक्टर ने इस बात की भी पुष्टि की कि राहत की बात यह रही कि इस पूरी घटना में किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है। सभी मरीजों और कर्मचारियों को समय पर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने स्थानीय लोगों और अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इनके प्रयासों से ही एक बड़ा हादसा टल सका।
पुलिस और एम्बुलेंस सेवाओं की तैनाती
घटनास्थल पर पुलिस की टीम भी तुरंत पहुंच गई। पुलिस ने इलाके को घेरकर भीड़ को नियंत्रित किया और बचाव कार्य में किसी तरह की बाधा न आए इसका ध्यान रखा। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कई एम्बुलेंसें भी मौके पर तैनात की गईं। चिकित्सा टीमें मौजूद रहीं ताकि अगर किसी को भी चोट या सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत इलाज दिया जा सके।
पुलिस ने आसपास की सड़कों पर यातायात को भी नियंत्रित किया ताकि आपातकालीन वाहनों को आने-जाने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने घटनास्थल के आसपास सुरक्षा घेरा बनाया और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की।
आग लगने के संभावित कारण
हालांकि अभी तक आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि आग पैथोलॉजी लैब से शुरू हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि शॉर्ट सर्किट या किसी विद्युत उपकरण में खराबी के कारण यह हादसा हुआ हो सकता है। लैब में रखे रासायनिक पदार्थों ने भी आग को तेजी से फैलाने में योगदान दिया हो सकता है।
अग्निशमन विभाग की टीम अब इस घटना की विस्तृत जांच कर रही है। इमारत के विद्युत तारों, सुरक्षा उपकरणों और आग से बचाव के उपायों की भी समीक्षा की जा रही है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
इस घटना ने व्यावसायिक इमारतों, खासकर अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी इमारतों में आग बुझाने के पर्याप्त उपकरण, आपातकालीन निकास द्वार और अलार्म सिस्टम होना बेहद जरूरी है। इस घटना के बाद प्रशासन को चाहिए कि वह सभी चिकित्सा केंद्रों और व्यावसायिक परिसरों में सुरक्षा मानकों की जांच करे और जरूरी सुधार सुनिश्चित करे।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा उपायों में किसी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर उन जगहों पर जहां बीमार लोग, बुजुर्ग और बच्चे मौजूद होते हैं, वहां सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
इस घटना से यह सबक मिलता है कि समय पर की गई तैयारी और त्वरित कार्रवाई कैसे बड़े हादसों को टालने में मददगार साबित होती है। भावनगर के लोगों ने अपनी एकता और साहस से साबित कर दिया कि मुश्किल घड़ी में मिलकर काम करने से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है।