गुजरात में अकालिक वर्षा से किसान बेहाल
गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में सोमवार से शुरू हुई अकालिक वर्षा ने किसानों की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अरब सागर में बने अवदाब के कारण राज्य के कई हिस्सों में आगामी एक नवम्बर तक वर्षा जारी रहने की संभावना है।
सौराष्ट्र क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर ज़िले इस अकालिक वर्षा से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। राज्य आपात संचालन केन्द्र (एसईओसी) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अमरेली ज़िले के राजुला तालुका में सर्वाधिक 175 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई, जबकि गिर सोमनाथ के ऊना तालुका में 115 मि.मी. वर्षा हुई।
कुल 251 तालुकाओं में से 204 में किसी न किसी स्तर पर वर्षा दर्ज की गई है। इस क्षेत्र के कई नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने से मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और कई गाँवों का संपर्क कट गया है।
किसानों की फसलों पर संकट के बादल
यह वर्षा उस समय हुई है जब किसान मूंगफली, कपास और धान की कटाई में लगे हुए थे। अकालिक वर्षा से खेतों में पड़ी उपज गीली हो जाने से नुकसान की संभावना बढ़ गई है। कृषि विभाग ने किसानों को तुरंत कटाई की गई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखने और उन्हें तिरपाल से ढकने की सलाह दी है।
साथ ही, विभाग ने निर्देश दिया है कि वर्षा के दौरान किसी भी प्रकार के रासायनिक छिड़काव या खाद डालने से बचें तथा मंडी में बिक्री हेतु फसल ले जाने से परहेज़ करें।
बाँधों में जलस्तर खतरनाक स्तर पर
राज्य के 206 बाँधों में अब तक 97 प्रतिशत तक जलभराव हो चुका है। एसईओसी द्वारा 152 बाँधों के लिए ‘हाई अलर्ट’, चार के लिए ‘अलर्ट’ और नौ जलाशयों के लिए ‘चेतावनी’ जारी की गई है।
प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
आईएमडी की भविष्यवाणी
आईएमडी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अरब सागर में बने अवदाब के चलते अगले कुछ दिनों तक गुजरात के दक्षिणी एवं सौराष्ट्र क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा जारी रह सकती है।
नवसारी, वलसाड, अमरेली, जूनागढ़, भावनगर और गिर सोमनाथ ज़िलों में कहीं-कहीं भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है।
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी ज़िलों में निगरानी दल सक्रिय कर दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती, सड़क अवरोध और फसल क्षति के मूल्यांकन हेतु विशेष टीमों को भेजा गया है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें।
किसान संगठन की माँग
किसान संगठनों ने राज्य सरकार से माँग की है कि जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, उन्हें तुरंत राहत पैकेज और बीमा मुआवज़ा प्रदान किया जाए।
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि क्षति का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद सहायता की घोषणा की जाएगी।गुजरात की धरती पर हुई यह अकालिक वर्षा न केवल किसानों की मेहनत पर भारी पड़ी है, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, आगामी दिनों में राज्य को सतर्क रहना आवश्यक है ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।