राष्ट्रपति मुर्मू की राफेल उड़ान: भारत की वायुशक्ति का प्रतीकात्मक उत्सव
हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से बुधवार की सुबह का दृश्य इतिहास में दर्ज हो गया, जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में sortie (उड़ान) भरकर भारतीय वायुसेना के गौरवशाली अध्याय में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर दिया। यह क्षण न केवल महिला नेतृत्व की बढ़ती सशक्तता का प्रतीक था, बल्कि भारत की रक्षा क्षमता के प्रति राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता का भी जीवंत उदाहरण बन गया।
राष्ट्रपति मुर्मू, जो भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च सेनापति हैं, ने पूरी तैयारी के साथ G-suit पहनकर राफेल विमान में उड़ान भरी। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह भी एक अलग विमान में साथ उड़ान भर रहे थे।
अंबाला वायुसेना स्टेशन पर हुआ ऐतिहासिक पल
सुबह के समय राष्ट्रपति का आगमन अंबाला वायुसेना अड्डे पर हुआ, जहाँ उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने राफेल विमान में बैठने से पहले सुरक्षा और तकनीकी दिशा-निर्देश प्राप्त किए। राष्ट्रपति मुर्मू ने हेलमेट पहनते हुए और पायलट के साथ कैमरे के लिए मुस्कुराते हुए तस्वीरें भी खिंचवाईं।
उड़ान का समय 11:27 बजे निर्धारित था, और जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, राष्ट्रपति ने भीतर से हाथ हिलाकर सभी को अभिवादन किया।

राफेल और भारत की रणनीतिक शक्ति
फ्रांस की प्रसिद्ध एयरोस्पेस कंपनी “डसॉल्ट एविएशन” द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान भारत की वायुसेना के सबसे आधुनिक विमानों में से एक है। इसे सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
राफेल विमानों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया, जब भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचों पर निर्णायक प्रहार किया। इस अभियान में राफेल की गति, सटीकता और तकनीकी श्रेष्ठता ने विश्वभर का ध्यान आकर्षित किया।
महिला नेतृत्व और रक्षा के क्षेत्र में नई प्रेरणा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह कदम केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि एक गहरी प्रेरणा का संदेश है। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने राफेल में उड़ान भरकर यह सिद्ध कर दिया कि महिलाओं की भूमिका अब हर क्षेत्र में अग्रणी है — चाहे वह राजनीति हो, प्रशासन या सैन्य नेतृत्व।
इससे पहले भी राष्ट्रपति मुर्मू ने 2023 में असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई विमान में उड़ान भरी थी। इससे पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी ऐसे ऐतिहासिक उड़ान अभियान का हिस्सा रह चुके हैं।
राष्ट्रपति के कदम से देशभर में उत्साह
राष्ट्रपति मुर्मू की राफेल उड़ान की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर नागरिकों, रक्षा विशेषज्ञों और युवाओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर “#PresidentMurmuInRafale” और “#WomenInDefence” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
कई रक्षा विश्लेषकों ने इसे “भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति और महिला सशक्तिकरण का संगम” बताया।
वायुसेना के लिए गौरव का क्षण
भारतीय वायुसेना के “गोल्डन एरो” स्क्वाड्रन, जिसमें राफेल विमान सम्मिलित हैं, के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। राष्ट्रपति का यह दौरा वायुसेना कर्मियों के मनोबल को नई ऊंचाई पर ले गया है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने कहा, “राष्ट्रपति महोदय का यह उड़ान अनुभव हमारे लिए गर्व का क्षण है। यह भारत की रक्षा शक्ति और नागरिक नेतृत्व के बीच के गहरे संबंध का प्रतीक है।”
शक्ति, प्रेरणा और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह उड़ान भारत के रक्षा इतिहास में एक यादगार अध्याय बन चुकी है। यह घटना उस भारत का परिचायक है जो आधुनिक तकनीक, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है।
यह उड़ान न केवल आसमान में, बल्कि हर भारतीय के हृदय में भी ऊँचाई पर पहुँची है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।