AI से बने फेक वीडियो बने जानलेवा, फरीदाबाद में 19 वर्षीय छात्र ने की आत्महत्या
फरीदाबाद, 27 अक्टूबर 2025 —
हरियाणा के फरीदाबाद में एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्र ने खुदकुशी कर ली, जब कुछ लोगों ने उसके और उसकी बहनों की AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से बनाए गए अश्लील वीडियो और तस्वीरें भेजकर उसे ब्लैकमेल किया। पुलिस ने बताया कि यह मामला साइबर अपराध का बेहद खतरनाक उदाहरण है, जिसमें आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग हुआ है।
घटना का विवरण: ब्लैकमेल से टूटा छात्र का मनोबल
मृतक की पहचान राहुल भारती (19) के रूप में हुई है, जो DAV कॉलेज में बी.कॉम के दूसरे वर्ष का छात्र था। वह अपने पिता मनोज भारती और परिवार के साथ बसैलवा कॉलोनी में रहता था।
परिवार ने पुलिस को बताया कि करीब दो हफ्ते पहले किसी ने राहुल का मोबाइल फोन हैक कर लिया था। इसके बाद कुछ लोगों ने AI तकनीक का उपयोग करके राहुल और उसकी तीन बहनों की अश्लील तस्वीरें और वीडियो तैयार किए।
इन नकली वीडियो को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजकर लगभग ₹20,000 की फिरौती मांगी गई। धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए, तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाएंगे।
सह नहीं सका अपमान का डर, जहर खाकर दी जान
परिवार के अनुसार, ब्लैकमेलिंग की वजह से राहुल मानसिक रूप से बहुत परेशान था और ठीक से खाना भी नहीं खा रहा था।
राहुल के पिता ने कहा,
“शनिवार शाम करीब 7 बजे उसने अपने कमरे में सल्फास की गोलियां खा लीं। हमने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।”
पिता मनोज भारती ने आगे बताया कि राहुल के मोबाइल की जांच में ‘साहिल’ नामक युवक के साथ चैटिंग मिली, जिसमें साहिल ने फेक वीडियो भेजे और पैसे की मांग की थी।
दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज, जांच जारी
परिवार ने अपनी शिकायत में साहिल के साथ नीरज भारती नामक एक युवक पर भी संदेह जताया है, जो राहुल का जानकार था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
फरीदाबाद ओल्ड पुलिस स्टेशन के SHO विष्णु प्रसाद ने बताया:
“यह साइबरक्राइम का गंभीर मामला है, जिसमें AI तकनीक का दुरुपयोग कर पीड़ित को आत्महत्या तक मजबूर किया गया। तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
AI और साइबर अपराध: समाज के लिए नया खतरा
यह मामला उन बढ़ते हुए AI-संबंधित साइबर अपराधों में से एक है, जो हाल के वर्षों में तेजी से सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डीपफेक (Deepfake) और AI-जनरेटेड कंटेंट के दुरुपयोग ने ऑनलाइन सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है।
AI से तैयार किए गए अश्लील वीडियो या फेक तस्वीरें अब ब्लैकमेलिंग का एक नया हथियार बन गई हैं, जिससे युवाओं में मानसिक दबाव और आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
परिवार का दुख और समाज की जिम्मेदारी
राहुल के पिता मनोज भारती, जो एक ड्राइवर के रूप में काम करते हैं, मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं और बीते 50 सालों से फरीदाबाद में रह रहे हैं। परिवार की तीन बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है। राहुल उनका सबसे छोटा बेटा था।
पिता ने कहा,
“हमने कभी नहीं सोचा था कि तकनीक इस तरह किसी की जिंदगी बर्बाद कर देगी। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।”
संदेश: डिजिटल युग में जिम्मेदारी और कानून का सख्त पहरा जरूरी
यह घटना एक कड़वी चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में हर तकनीक का दुरुपयोग कितना घातक हो सकता है। AI का नैतिक उपयोग, डेटा सुरक्षा, और साइबर अपराध के खिलाफ सख्त कानून अब समय की मांग बन गए हैं।
चुनौती यह है कि पुलिस और सरकार के साथ-साथ आम नागरिकों को भी डिजिटल सतर्कता अपनानी होगी।
क्योंकि तकनीक अगर सही दिशा में इस्तेमाल हो तो वरदान है — लेकिन गलत हाथों में पड़ते ही यह जानलेवा जाल बन सकती है।