राज्यों के बीच न्यायपूर्ण जल–वितरण पर हरियाणा का स्पष्ट रुख
फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने देश के विकास में अंतर–राज्यीय सहयोग को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य को उसके हिस्से का जल उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि राष्ट्र की प्रगति का आधार है और इसमें समानता तथा न्याय का निर्वाह अत्यंत महत्वपूर्ण है।
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि भारत की समृद्धि के लिए राज्यों के बीच सहयोग ही सबसे बड़ा साधन है। संसाधनों का साझा उपयोग, परस्पर तकनीकी ज्ञान का आदान–प्रदान तथा श्रेष्ठ कार्य–पद्धतियों को अपनाने से ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना साकार होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए निरंतर कार्यरत है।
जल–वितरण के मुद्दे पर हरियाणा ने रखी दृढ़ मांग
बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा लंबे समय से दिल्ली को उसकी आवश्यकता से अधिक जल उपलब्ध करा रहा है। इसके बावजूद, एसवाईएल (सतलुज–यमुना लिंक) नहर के निर्माण में विलंब के कारण पंजाब की ओर से हरियाणा को उसका पूर्ण जल–अधिकार नहीं मिल रहा है। उनका कहना था कि जब हरियाणा को उसका वैध जल–अधिकार प्राप्त होगा, तब राजस्थान को भी उसका हिस्सा समयबद्ध रूप से मिल पाएगा।
उन्होंने पंजाब की महान परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वही पवित्र भूमि है जहां गुरु सेवक भाई कन्हैया जी ने युद्धभूमि में शत्रु–मित्र सभी को समान रूप से जल पिलाया था। इस परंपरा को स्मरण करते हुए पंजाब को जल–विवाद का संवेदनशील समाधान निकालना चाहिए।
जल स्वच्छता और संरक्षण को बताया सामूहिक जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल केवल संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। इसे स्वच्छ रखना सभी राज्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। भारतीय संस्कृति में नदियों को माता का दर्जा दिया गया है। उन्होंने विशेष रूप से यमुना नदी का उल्लेख करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इसे स्वच्छ रखने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।
पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा की सहभागिता का प्रस्ताव
चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार विश्वविद्यालय में योगदान देने की इच्छुक है। यदि हरियाणा के कुछ महाविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध हो जाते हैं, तो इससे विश्वविद्यालय की गुणवत्ता और विद्यार्थियों दोनों को लाभ होगा।
बच्चों की सुरक्षा और आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक संस्था की जिम्मेदारी है। हरियाणा में नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद POCSO अधिनियम से संबंधित मामलों के निस्तारण की गति में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। इससे अपराध पीड़ितों को शीघ्र न्याय सुनिश्चित हो रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की पहल
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हर नागरिक को सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से राज्य की चिरायु योजना को आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में समाहित किया गया है। इसे उन्होंने ‘डबल इंजन सरकार’ के तेज विकास का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के छोटे से छोटे गांव में भी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है।
संकल्प पत्र के क्रियान्वयन में तीव्र प्रगति
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली विधानसभा चुनाव में किए गए 217 संकल्पों में से 47 संकल्प केवल एक वर्ष में ही पूरे कर दिए गए हैं। उन्होंने ‘दीन दयाल लाड़ो लक्ष्मी’ ऐप का उदाहरण देते हुए बताया कि 25 सितंबर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर इसे लॉन्च किया गया। इसके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहयोग देने की दिशा में बड़ी पहल की गई है। 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर 5 लाख से अधिक पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 2100 रुपये सीधे जमा किए गए। अब तक 8 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और संख्या 15 लाख तक पहुंचने की संभावना है।
समग्र विकास और सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश
अंत में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उत्तरी क्षेत्रीय परिषद जैसे मंच इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जल–विवाद हो या संसाधनों का साझा विकास—सहयोग ही प्रगति का मार्ग है। उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे एक-दूसरे की परंपराओं, आवश्यकताओं और अधिकारों का सम्मान करते हुए राष्ट्र के विकास में योगदान दें।
ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।