हिसार में कुत्ते के काटने पर भी नहीं मिला तत्काल उपचार, परिवार ने की मुख्यमंत्री से शिकायत
हिसार के लांधड़ी गांव में 15 माह की बच्ची हिमांशी को आवारा कुत्ते ने काट लिया, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्सिंग स्टाफ ने टीका और दर्द की दवा देने से इनकार कर दिया। पिता हिमांशी को उपचार के लिए लेकर पहुंचे, लेकिन बच्ची को दर्द से कराहते हुए छोड़ दिया गया।
दर्द भरी घड़ी
बाबू सुनील ने बताया कि उनकी 15 माह की बेटी मंगलवार शाम छह बजे घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान एक आवारा कुत्ता गली में आया और बच्ची के हाथ-पांव पर हमला कर दिया। पिता ने तुरंत बच्ची को कुत्ते से छुड़ाया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नाकामी
स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नर्सिंग स्टाफ को पिता ने बच्ची के लिए टीका और प्राथमिक उपचार देने का अनुरोध किया। नर्सिंग आफिसर ने न केवल टीका देने से इंकार किया बल्कि दर्द की दवा देने से भी मना कर दिया। स्टाफ ने कहा कि टीका लगवाने के लिए सुबह आना पड़ेगा।
इस दौरान वहां तैनात सुरक्षा कर्मी ने भी स्वजनों को धमकाया। परिवार को मजबूरन अग्रोहा मेडिकल कॉलेज ले जाना पड़ा, जहाँ रात में बच्ची को रेबीज का टीका और प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया।
शिकायत सीएम विंडो पर दर्ज
परिवार ने नर्सिंग आफिसर के इलाज से इनकार करने और सुरक्षा कर्मी के धमकाने की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (सीएम विंडो) पर की। मामले की जांच विभागीय अधिकारियों द्वारा शुरू कर दी गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली
इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर किया है। बच्चों के लिए त्वरित इलाज की आवश्यकता होने के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में तंत्र विफल रहा, जो कि चिंता का विषय है।