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Himachal Pradesh News: हिमाचल कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय: पंचायतों का पुर्नगठन, मेयर का कार्यकाल पाँच वर्ष, आपदा प्रभावितों को राहत

Himachal Cabinet Decisions
Himachal Cabinet Decisions: हिमाचल कैबिनेट ने पंचायत चुनाव, मेयर कार्यकाल और आपदा राहत को लेकर महत्वपूर्ण फैसले किए
अक्टूबर 25, 2025

हिमाचल कैबिनेट के प्रमुख निर्णयों का विस्तृत विवरण

पंचायतों का पुर्नगठन एवं चुनाव

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रदेश की पंचायत व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया पर गहन चर्चा हुई। कैबिनेट ने पंचायतों के पुर्नगठन (Reorganization) की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्णय लिया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव दिसंबर में कराना प्रस्तावित है, किन्तु सड़कों और अन्य आधारभूत संरचनाओं की स्थिति पूरी तरह से चुनाव के अनुकूल नहीं है। इसलिए, चुनाव से पूर्व आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद ही अंतिम तिथि घोषित की जाएगी।

नगर निगम में मेयर एवं डिप्टी मेयर का कार्यकाल

राज्य कैबिनेट ने नगर निगम के मेयर और उप-महापौर का कार्यकाल अब पाँच वर्ष करने का निर्णय लिया। इससे पहले यह कार्यकाल ढाई वर्ष का था।
उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ढाई वर्ष के कार्यकाल में महापौर चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग होती थी, जिसके कारण निर्णय लेने में बाधा आती थी। कार्यकाल वृद्धि से प्रशासनिक स्थिरता एवं योजनाओं के निरंतर क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।

आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज

कैबिनेट ने राज्य में आपदा प्रभावितों के लिए 7 लाख रुपये का विशेष राहत पैकेज लागू करने का निर्णय लिया। इसमें से 4 लाख रुपये पहले ही दी जाने वाली पहली किस्त होगी।
मानसून में हुए नुकसान के कारण जिन लोगों के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें डेढ़ लाख रुपये एक ही किस्त में प्रदान किए जाएंगे। केंद्रीय सरकार द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये के पैकेज पर भी चर्चा हुई, किंतु अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने कोष से राहत कार्य करेगी।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में फैसले

सोलन जिले में तीन नए प्राथमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। साथ ही, सरकारी स्कूलों में 800 प्रधानाचार्य के पद भरने का मामला विभाग को भेजा गया।
नाहन मेडिकल कॉलेज के विस्तार और नए पीजी एवं सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों की अनुमति को नियमित करने के लिए भूमि पर निर्माण स्वीकृति दी गई।

अनुबंध कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश

राज्य के पुरुष अनुबंध कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश देने का निर्णय कैबिनेट ने लिया। यह कदम कर्मचारियों के कल्याण और परिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में सहायक होगा।

हरित हिमाचल और इलेक्ट्रिक वाहन योजना

परिवहन विभाग को 1000 डीजल और पेट्रोल टैक्सियों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई। इसके तहत राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत 40% सब्सिडी का प्रावधान होगा। यह हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रामीण विकास और कृषि योजना

मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना और फसल विविधीकरण परियोजना (जाइका फेज-2) के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए एक उप समिति गठित की। समिति का नेतृत्व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी करेंगे, जिसमें अन्य संबंधित मंत्री सदस्य होंगे।

सौर ऊर्जा एवं उद्योग क्षेत्र के निर्णय

राज्य सरकार ने ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्रोजेक्ट योजना में संशोधन को मंजूरी दी। अब यह योजना राजीव गांधी स्वरोजगार सौर ऊर्जा योजना कहलाएगी।
साथ ही, हिमाचल प्रदेश जनरल इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन को फार्मा उद्योग हेतु स्पिरिट की खरीद, भंडारण, परिवहन और आपूर्ति का नोडल एजेंसी घोषित किया गया।

पर्यटन निवेश संवर्द्धन

हिमाचल में टूरिज्म इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल की स्थापना की गई, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री स्वयं करेंगे। यह काउंसिल 50 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्टों की मंजूरी करेगी और विभिन्न प्रमाणपत्र 14 दिन के भीतर प्रदान करेगी।हिमाचल प्रदेश की यह कैबिनेट बैठक प्रदेश के प्रशासन, पंचायत व्यवस्था, आपदा राहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र में कई अहम निर्णयों से संपन्न हुई। इन निर्णयों से न केवल प्रशासनिक स्थिरता आएगी, बल्कि आम जनता के जीवन में राहत और विकास के नए अवसर भी मिलेंगे।

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