हिमाचल पुलिस पर हमला: शराब ठेके के पास शिकायत सुलझाने गई टीम पर ईंट पत्थरों की बरसात
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में ऐसी घटना सामने आई है जिसने राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नालागढ़ के गांव खेड़ा में शराब ठेके के पास हुई मारपीट की शिकायत पर जब पुलिस पहुंची, तभी शिकायत का समाधान तलाशने आई यह टीम खुद हमले की शिकार बन गई। आरोपितों ने बिना किसी भय के पुलिस पर ईंट, पत्थर, बोतल और डंडों से हमला कर दिया। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागना पड़ा, और घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
नशे में धुत हमलावरों ने पुलिस टीम को बनाया निशाना
यह मामला तब शुरू हुआ जब स्थानीय लोगों ने शराब ठेके के पास चल रही मारपीट की सूचना मानपुरा पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे दो पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद दो व्यक्तियों दीपक ठाकुर उर्फ दीपू और श्याम सिंह उर्फ श्यामा, जो नशे की हालत में थे, भड़क उठे। आरोपितों ने पुलिसकर्मियों से न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि बोतलों और ईंटों से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त, आरोपितों ने थाना द्वार भी तोड़ा
हमला इतना उग्र था कि पुलिस कर्मियों को अपनी सुरक्षा के लिए पीछे हटना पड़ा। इससे आरोपी और भी हौसले में दिखाई दिए और बाद में थाना प्रवेश द्वार को भी नुकसान पहुंचाया। इस तरह का दुस्साहस, जहां सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाए और राज्य के पुलिस तंत्र को चुनौती दी जाए, बेहद गंभीर माना जाता है।
बद्दी पुलिस की तत्परता, आरोपित गिरफ्तार
घटना के तुरंत बाद बद्दी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, ड्यूटी में बाधा डालने और हमले की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया चल रही है।
स्थानीय लोगों का दावा, शराब ठेके पर लगातार बढ़ रहा उपद्रव
गांव खेड़ा के निवासियों के अनुसार, शराब ठेके के आसपास आए दिन झगड़े, मारपीट और शोर-शराबे की स्थिति बनी रहती है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई न होने से लोग परेशान हैं। आरोप है कि शराब पीकर उपद्रवी आए दिन स्थानीय व्यापारियों, राहगीरों और दुकानदारों से भी बदसलूकी करते हैं। इस वजह से ठेके के आसपास माहौल असुरक्षित हो गया है और लोग इसे हटाने की मांग उठा रहे हैं।
पुलिस सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, क्यों नहीं साथ में अतिरिक्त बल
घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि मारपीट की सूचना मिलने पर केवल दो पुलिसकर्मी ही मौके पर क्यों भेजे गए। ऐसे स्थान जहां पहले से उपद्रव की शिकायतें मिलती रही हैं, वहां अतिरिक्त बल की मौजूदगी अनिवार्य मानी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ऐसे मामलों में गश्त बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने की आवश्यकता है।
सोशल मीडिया वीडियो ने घटना की गंभीरता बढ़ाई
हमले की पूरी घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और अधिक गंभीर हो गया है। वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है कि आरोपित न केवल पुलिस को धमका रहे थे, बल्कि आसपास मौजूद लोग भी इस घटना के गवाह बने। सोशल मीडिया पर लोग लगातार पुलिस सुरक्षा और सरकारी अमले के सम्मान को लेकर अपनी राय रख रहे हैं। कई लोग आरोपितों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
एसपी बद्दी की प्रतिक्रिया, कड़े कदम उठाने के संकेत
बद्दी के एसपी विनोद धीमान ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और ऐसी घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में भी पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
पुलिस पर हमले का बढ़ता खतरा और कानून व्यवस्था की चुनौती
हिमाचल प्रदेश आमतौर पर शांत माना जाता है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में शराब से जुड़े विवादों और पुलिस विरोधी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों की राय में, ऐसे मामलों में तुरंत और कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि अपराधियों में भय रहे और पुलिस व्यवस्था की साख बनी रहे। पुलिस पर हमला केवल दो व्यक्तियों का अपराध नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देना माना जाता है। यदि ऐसे अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई न की गई तो कानून का सम्मान गिर सकता है और अपराधियों का मनोबल बढ़ सकता है।