रोहतांग पास बंद होने से हिमाचल में बदलता पर्यटक मौसम
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य में साल के हर मौसम की अपनी एक विशिष्ट पहचान होती है। जैसे ही नवंबर का अंतिम सप्ताह आता है, बर्फबारी के संकेतों के साथ पहाड़ों में ठंड तेजी से बढ़ने लगती है और सर्दियों का असली दौर शुरू हो जाता है। इसी बदलते मौसम के बीच मनाली–लेह मार्ग आधिकारिक रूप से वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है, जो देश के लिए सामरिक महत्व रखता है। इस मार्ग का बंद होना केवल हिमाचल के लिए नहीं बल्कि सीमा सुरक्षा के लिए भी एक वार्षिक रूप से जरूरी प्रक्रिया है, क्योंकि कठोर मौसम आगे महीनों तक इस सड़क पर आवाजाही को जोखिम में डाल देता है।
रोहतांग पास 30 नवंबर तक खुला, लेकिन सीमित दिनों के साथ
कुल्लू जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रोहतांग दर्रा 30 नवंबर तक पर्यटकों के लिए खुला रखने का फैसला किया है। यह निर्णय उन पर्यटकों के लिए राहत की खबर है जो बर्फ की पहली झलक देखने यहां का रुख करते हैं। हालांकि, यह छूट निरंतर नहीं है। 25 और 26 नवंबर को बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन के आवश्यक कार्यों के कारण रोहतांग पास पूरी तरह बंद रहेगा। ऐसे में यह अंतिम मौका तो है, लेकिन इसके साथ सीमाएं भी हैं।
सामरिक दृष्टि से विशेष है मनाली–लेह मार्ग
मनाली-लेह हाईवे का लगभग 430 किलोमीटर लंबा यह मार्ग केवल पर्यटन का जरिया नहीं है, बल्कि देश के लिए एक रणनीतिक lifeline है। चीन और पाकिस्तान की सीमा के निकट मौजूद हमारे सैनिकों, उपकरणों और आवश्यक आपूर्तियों तक पहुंचने के लिए यह सड़क सर्दियों के महीनों तक महज एक याद बनकर रह जाती है। हर वर्ष अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में यह रास्ता बर्फ और तेज ठंड के कारण बंद होना शुरू होता है और लगभग मई या जून में दोबारा खुलता है। ऐसे में इसका बंद होना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन आम लोगों और साहसिक यात्रा पसंद करने वालों के लिए एक तरह का seasonal goodbye भी है।
सर्दी बढ़ने लगी, तापमान गिरने से लोग बीमार
हिमाचल में मौसम फिलहाल साफ दिख रहा है लेकिन ठंड तेजी से बढ़ रही है। दिन में जहां तेज धूप नजर आती है, वहीं सुबह और शाम का तापमान लगातार गिर रहा है। अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है, जो आम लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। सूखी ठंड के कारण वायरल संक्रमण बढ़ रहा है, जिससे लोग खांसी, जुकाम और बुखार से जूझने लगे हैं।
लाहौल स्पीति जिले में स्थित ताबो में न्यूनतम तापमान -2.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, वहीं कुकुमसेरी में -3 डिग्री और केलंग में -1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा, सुंदरनगर में घना कोहरा छाया रहा, जहां दृश्यता केवल 100 मीटर तक सीमित रही। धर्मशाला में हालांकि अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सर्दी का असर हर शहर में महसूस किया जा रहा है।
आने वाले दिनों में मौसम हुआ अनिश्चित, पर्यटकों को सावधानी की सलाह
हिमाचल में मौसम विभाग की चेतावनी
हालांकि मौसम विभाग ने 26 नवंबर तक आसमान के साफ रहने की संभावनाएं जताई हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम कब बदल जाए, इसका कोई निश्चित अंदाजा नहीं होता। अचानक बर्फबारी, फिसलन भरी सड़कें, घना कोहरा और तापमान में तीव्र गिरावट किसी भी वक्त स्थिति बदल सकती है। इसलिए प्रशासन और विशेषज्ञों का सुझाव है कि रोहतांग जाने वाले पर्यटकों को पूरी तैयारी के साथ यात्रा करनी चाहिए।
पर्यटकों की भीड़ के बावजूद सुरक्षा बड़ी चुनौती
साल के इस समय रोहतांग पास बर्फ देखने के उत्साह में हजारों पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। सीमित समय, सीमित मार्ग और मौसम की बाधाओं के बीच वाहनों की ज्यादा आवाजाही के कारण जाम और जोखिम दोनों बढ़ जाते हैं। ऐसे में प्रशासन ने पर्यटक वाहनों को नियंत्रित करने, मौसम अलर्ट जारी करने और ऑनलाइन परमिट प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय कारोबार पर पड़ेगा असर
होटल उद्योग, टैक्सी व्यवसाय, दुकानदार और खाने-पीने की छोटी इकाइयां इस समय पर्यटकों की आमद बढ़ने से सीजन का लाभ उठाती हैं। लेकिन मार्ग के बंद होने के बाद आने वाले महीनों में यह गतिविधियां काफी कम हो जाती हैं। ऐसे में रोहतांग पास खुलने के बचे हुए इन कुछ दिनों में स्थानीय व्यवसायी पर्यटन की अंतिम लहर से उम्मीद लगाए हुए हैं।
पर्यटन के लिए अवसर और भविष्य की संभावनाएं
सर्दियों में साहसिक पर्यटन बढ़ाने की संभावनाएं कई वर्षों से चर्चा में हैं। स्कीइंग, स्नो ट्रैकिंग, आइस क्लाइम्बिंग जैसे खेलों के लिए मनाली और लाहौल क्षेत्र आदर्श स्थान हैं। आने वाले वर्षों में यदि सरकार इन क्षेत्रों में नियोजित निवेश और सुविधाएं प्रदान करती है, तो सर्दियों में भी पर्यटन के लिए यह क्षेत्र आर्थिक रूप से मजबूत बन सकता है।