जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव: मतदान प्रारंभ
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आज राज्यसभा की चार सीटों पर मतदान प्रारंभ हो गया है। यह चुनाव न केवल प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करेगा, बल्कि केंद्र और राज्य स्तर पर गठबंधनों की स्थिति भी स्पष्ट करेगा। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मतदान केंद्र पहुँचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग ने इस चुनाव के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएँ जारी की हैं, जिनके अनुसार प्रत्येक विधायक तीन बार मतदान करेगा।
विधानसभा गणित: कौन किसकी ओर झुकेगा?
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में दो सीटें रिक्त हैं। नेकां-कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 53 विधायकों का समर्थन है। इसमें नेकां के 41, कांग्रेस के 6 और माकपा के एक विधायक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सात में से पांच निर्दलीयों का समर्थन भी गठबंधन के पक्ष में माना जा रहा है।
भाजपा के 28 विधायक हैं। हालांकि, पीपुल्स कान्फ्रेंस के विधायक सज्जाद गनी लोन ने मतदान से दूरी बनाए रखने की घोषणा की है। इसके कारण भाजपा को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी सत शर्मा को जीत सुनिश्चित करने के लिए कम से कम एक गठबंधन विधायक का समर्थन आवश्यक है।
गठबंधन को पीडीपी के तीन विधायकों का भी समर्थन मिलने की संभावना है। शोपियां के निर्दलीय भी पीडीपी के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं। इसी प्रकार, सरकार से समर्थन वापस ले चुके आप पार्टी के विधायक भी भाजपा के विरोध में नेकां के पक्ष में मतदान करेंगे।
दावेदार और सीटों का समीकरण
पहली सीट:
चौ. रमजान (नेकां) बनाम अली मोहम्मद मीर (भाजपा)
वर्तमान विधानसभा गणित के अनुसार, यह सीट नेकां के पक्ष में तय मानी जा रही है।
दूसरी सीट:
सज्जाद किचलू (नेकां) बनाम राकेश महाजन (भाजपा)
इस सीट पर भी नेकां को भारी संभावना है और भाजपा के लिए चुनौती अपेक्षाकृत कम है।
तीसरी और चौथी सीट:
नेकां के शम्मी ओबेराय व इमरान नबी डार बनाम भाजपा के सत शर्मा
इन दोनों सीटों में भाजपा और नेकां के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। यह निर्णय तय करेगा कि गठबंधन कितनी सीटें सुरक्षित रख पाता है।
राज्यसभा चुनाव का राजनीतिक महत्व
राज्यसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बहुत बड़ा महत्व रखता है। यह चुनाव स्पष्ट करेगा कि किस पार्टी का दबदबा अधिक है और भविष्य में कौन सी पार्टी प्रदेश में मजबूत स्थिति बनाए रख सकती है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस चुनाव का परिणाम न केवल राज्य स्तर पर बल्कि केंद्र सरकार के साथ गठबंधन रणनीतियों पर भी प्रभाव डालेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, नेकां-कांग्रेस गठबंधन के लिए यह चुनाव आसानी से चारों सीटें सुनिश्चित करने का अवसर है, लेकिन भाजपा की रणनीति और संभावित गठबंधन सहयोग इस चुनाव को रोचक बनाएंगे।
जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों के चुनाव में मतदाता गणित, पार्टी गठबंधन और राजनीतिक रणनीतियाँ निर्णायक भूमिका निभाएंगी। आज के मतदान परिणाम से यह स्पष्ट होगा कि नेकां और कांग्रेस कितनी सीटें जीत पाएंगे और भाजपा कितनी चुनौती प्रस्तुत कर सकती है।
इस चुनाव का परिणाम आने वाले महीनों में प्रदेश की राजनीति और केंद्र-राज्य संबंधों की दिशा तय करेगा।