मुसाबनी में हेमंत सोरेन का व्यावहारिक भाषण: अधिकार और पहचान की माँग
घाटशिला/मुसाबनी (ईस्ट सिंहभूम) — घाटशिला उपचुनाव के मद्देनज़र आज मुसाबनी के कुईलीसूता मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनसभा कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन के समर्थन में प्रबल अपील की। भारी संख्या में जुटे लोगों के समक्ष सीएम ने जोरदार भाषण दिया और स्पष्ट कहा कि झामुमो व्यापारी वर्ग की पार्टी नहीं, बल्कि आदिवासी, दलित, पिछड़ा और गरीब जनों की पक्षधर पार्टी है।
सभा के आरंभ से ही माहौल में उत्साह था। मंच पर मौजूद नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया और जनता से सशक्त समर्थन की माँग की। सीएम ने भावुक अंदाज़ में कहा कि चुनाव व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि हक और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि झामुमो की सरकार ही उन योजनाओं और सुविधाओं को वास्तविक रूप में लोगों तक पहुंचा सकती है।

मंचीय संदेश: व्यापारियों बनाम गरीब-आदिवासी संघर्ष
सीएम ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से दो धड़ों की बात कही — एक तरफ व्यापारियों का समूह और दूसरी ओर गरीब, आदिवासी व मूलवासी जनता। उनके शब्दों में, “ये लोग देने वाले नहीं, लेने वाले हैं; जब काम चल रहा होता है तब आपके पास होंगे, पर आवश्यकता पड़ने पर आपका साथ छोड़ देंगे।” उन्होंने लोगों से सचेत रहने और अपने वोट के उपयोग में विवेक दिखाने का आग्रह किया।
सीएम ने यह भी कहा कि कुछ लोग चुनाव के समय रिश्तों और व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते प्रचार गाड़ियाँ चलाते हैं, मगर जनता को यह समझना चाहिए कि असली लड़ाई तो हक और सम्मान की है। उन्होंने जनता से कहा कि वह व्यापक सोच रखते हुए ऐसे प्रत्याशी को चुनें जो आने वाली पीढ़ियों के लिए काम कर सके।

युवा नेतृत्व और 24 घंटे सेवा का वचन
समर्थन सभा में उन्होंने विशेष रूप से युवा प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन को लेकर आश्वस्ति जताई। हेमंत सोरेन ने कहा कि यह केवल आज के लिए नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार किया जा रहा नेतृत्व है। उन्होंने प्रत्याशी को 24 घंटे जनता के बीच रहने और सेवा के लिए प्रशिक्षित करने का भरोसा दिलाया। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग छोटा या अनअनुभवी कहकर नए चेहरे को कमतर बताते हैं, पर असल में वही युवा आने वाले समय में सबसे बेहतर सेवा दे सकते हैं।
चुनाव और अधिकार: आदिवासी व मूलवासी के लिए विशेष ज़ोर
सीएम ने बार-बार यह दोहराया कि चुनाव का मूल उद्देश्य व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं, बल्कि हक-ओ-हक़ीकत सुनिश्चित करना है। आदिवासी व मूलवासी समुदाय के अधिकारों, भूमि सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान पर उन्होंने विशेष ज़ोर दिया। उनके अनुसार, यदि किसी के पास आदिवासी समुदाय के अधिकारों को सुरक्षित करने की ताकत है, तो वह झामुमो की सरकार ही है।

रणनीति और जनआंदोलन का आह्वान
भविष्य रणनीति के बारे में बोलते हुए सीएम ने सभा को संगठित होकर मतदान करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि EVM में इतने बटन दबाएँ कि दिल्ली तक आवाज़ जाए कि झारखंड में केवल झामुमो का ही वजूद है। मंत्री पदों और राजनीतिक पलों पर तंज कर उन्होंने कहा कि किसे कब पद देना है, यह पार्टी अच्छी तरह समझती है; परंतु असली मकसद सेवा और अधिकार देना होना चाहिए।
निष्कर्ष: स्थानीय राजनीति में यह सभा क्यों महत्वपूर्ण है
मुसाबनी की यह सभा न केवल चुनावी प्रचार का हिस्सा थी, बल्कि स्थानीय समुदायों को अधिकार, पहचान और आर्थिक सुरक्षा के मुद्दों पर संगठित करने की दिशा में एक स्पष्ट संदेश भी थी। मुख्यमंत्री के भाषण ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है और उम्मीदवार को लेकर सार्वजनिक समर्थन सशक्त किया है। भविष्य नरेशियों में यह देखना रोचक होगा कि प्रत्याशी के लिए यह जनसमर्थन कितनी संख्या में मतों में तब्दील होता है।
संक्षेप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुसाबनी में कहा कि झामुमो आदिवासी, दलित और गरीब जनों की पार्टी है और व्यापारियों के शोषण के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन को युवा नेतृत्व के रूप में तैयार करने और जनता से उन्हें जीताने की अपील की।