झारखंड में बूथ विवाद: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बयानों पर सियासी ताप

Jharkhand Election: झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के विवादित बयानों से गरमाया राजनीतिक माहौल
Jharkhand Election: झारखंड में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के विवादित बयानों से गरमाया राजनीतिक माहौल (File Photo)
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के BLO और SIR प्रक्रिया पर विवादित बयानों ने राजनीतिक वातावरण गरम कर दिया। भाजपा ने आलोचना की, चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी, और मंत्री ने फर्जी BLO के खिलाफ सफाई दी। इस विवाद ने लोकतंत्र और संवैधानिक प्रक्रिया की अहमियत को उजागर किया।
नवम्बर 24, 2025

झारखंड में BLO विवाद ने बढ़ाई सियासी गर्मी

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने हाल ही में SIR (Special Intensive Revision) मतदाता सूची प्रक्रिया को लेकर जो बयान दिया, उसने राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बूथ लेवल अधिकारी (BLO) उनके क्षेत्र में नाम काटने के लिए आए, तो उसे घर में बंद कर दें। इस बयान के तुरंत बाद भाजपा ने उनका विरोध किया और चुनाव आयोग ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की।

इरफान अंसारी के इस बयान ने राज्य में मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर बहस को जन्म दिया।

BLO विवाद: बयान और प्रतिक्रिया

वीडियो रिकॉर्डिंग में डॉ. अंसारी एक सभा में दिख रहे हैं। उन्होंने सभा में उपस्थित नागरिकों से कहा कि यदि कोई BLO मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए घर आए, तो उन्हें किसी भी हालत में नाम काटने की अनुमति न दें। उनका यह बयान सीधे तौर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अवज्ञा का प्रतीक माना गया।

भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है। उन्होंने पूछा कि क्या झारखंड सरकार संविधान की रक्षा कर रही है या लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है।

राजनीतिक दलों के बीच बढ़ता तनाव

इस विवाद ने झारखंड के राजनीतिक वातावरण को गरम कर दिया है। विपक्षी दल भाजपा ने इरफान अंसारी और इंडी गठबंधन को निशाने पर लिया। भाजपा का आरोप है कि सत्ता में आने के लिए यह गठबंधन संवैधानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी कर रहा है और मतदाता सूची प्रक्रिया का राजनीतिकरण कर रहा है।

इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी दलीलों से जनता को प्रभावित करने की कोशिश की। SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से मृत, फर्जी या अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाने और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ने का काम होता है।

चुनाव आयोग का हस्तक्षेप

चुनाव आयोग ने इस मामले में झारखंड सरकार से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने स्पष्ट किया कि SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है और इसका उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी बनाना है। आयोग ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को इस प्रक्रिया को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह BLO के अधिकारों और कार्यप्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करे और जनता को इस प्रक्रिया के महत्व के बारे में जागरूक करे।

मंत्री का सफाई बयान

इरफान अंसारी ने वायरल बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल फर्जी BLO से निपटना था, जो गरीब और आम नागरिकों को डराने और उनसे पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि BLO हमारे सम्मानित अधिकारी हैं और किसी भी अवैध गतिविधि पर तुरंत प्रशासन और सरकार को सूचित किया जाना चाहिए।

राज्य प्रशासन की प्रतिक्रिया

झारखंड सरकार ने इस विवादित बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। सरकार का कहना है कि BLO प्रक्रिया संवैधानिक रूप से सुरक्षित है और मंत्री का उद्देश्य केवल फर्जी अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता बढ़ाना था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का अवैध कार्य राज्य प्रशासन द्वारा तुरंत रोका जाएगा।

विपक्ष का राजनीतिक दबाव

भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इरफान अंसारी के बयान को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। विपक्ष का आरोप है कि इस तरह के बयान जनता में भ्रम और डर पैदा कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस मुद्दे का चुनावी माहौल पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है और यह आगामी चुनावों में गरमागरमी बढ़ा सकता है।

मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर बहस

सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर इस विवाद पर तीखी बहस हो रही है। लोग BLO के अधिकार और मंत्री के बयान दोनों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई विशेषज्ञों ने कहा कि जनता को मतदाता सूची प्रक्रिया और SIR के महत्व को समझना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांति न फैले।

लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की सुरक्षा

इस विवाद ने एक बार फिर लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि BLO प्रक्रिया का सही पालन ही लोकतंत्र की स्थिरता और मतदाता अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

BLO का संवैधानिक महत्व

BLO राज्य और चुनाव आयोग के बीच संपर्क का महत्वपूर्ण अंग हैं। वे मतदाता सूची को सही करने और जनता के अधिकारों की सुरक्षा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी फर्जी व्यक्ति को BLO के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जनता और राजनीतिक संवाद

इस पूरे विवाद ने झारखंड के नागरिकों को भी जागरूक किया है। लोग मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया के महत्व को समझने लगे हैं। इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने भी जनता से संवाद बढ़ाया है।

इस विवाद ने स्पष्ट कर दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संवैधानिक पदाधिकारियों का सम्मान सभी को करना चाहिए। BLO प्रक्रिया को केवल लोकतंत्र की सुरक्षा और मतदाता अधिकारों की रक्षा के दृष्टिकोण से समझा जाना चाहिए।

झारखंड में BLO विवाद यह संदेश देता है कि किसी भी राजनीतिक बयान का असर केवल राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर प्रभाव डालता है।

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