रांची, 2 अक्तूबर।
झारखंड की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और हाल ही में सेवानिवृत्त मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य की 8वीं राज्य निर्वाचन आयुक्त (State Election Commissioner) के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने 2 अक्तूबर 2025, विजयादशमी के दिन राजधानी रांची के रातू रोड स्थित राज्य निर्वाचन आयुक्त (SEC) कार्यालय में यह जिम्मेदारी संभाली।
इससे पहले उनके पति और झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव डीके तिवारी राज्य निर्वाचन आयुक्त रहे थे। डीके तिवारी ने 12 फरवरी 2021 को पदभार संभाला था और अगस्त 2024 तक इस पद पर बने रहे। उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद से यह पद रिक्त था।
30 सितंबर को रिटायर हुईं अलका तिवारी
अलका तिवारी 30 सितंबर 2025 को मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुईं। उनके विदाई समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि उनके अनुभव का लाभ राज्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में लिया जाएगा।
1 अक्टूबर को हुई नियुक्ति
मुख्यमंत्री की घोषणा के अगले ही दिन, 1 अक्टूबर 2025 को अलका तिवारी को राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई। अलका तिवारी 1988 बैच की झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपने लंबे प्रशासनिक कार्यकाल में झारखंड के विभिन्न पदों पर महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
2 अक्टूबर को संभाला पदभार
2 अक्टूबर को उन्होंने औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। राज्य में अब तक 7 निर्वाचन आयुक्त रह चुके हैं। सबसे पहले बी लाल वर्ष 2001 में इस पद पर नियुक्त हुए थे। इसके बाद क्रमशः जी कृष्णन, एमके मंडल, एसडी शर्मा, शिव बसंत, एनएन पांडेय और डॉ. डीके तिवारी इस जिम्मेदारी को निभा चुके हैं।
पहली महिला निर्वाचन आयुक्त बनीं
अलका तिवारी राज्य निर्वाचन आयुक्त बनने वाली झारखंड की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। उनका कार्यकाल चार साल के लिए तय किया गया है। हालांकि, यदि उनकी उम्र पहले 65 वर्ष पूरी हो जाती है, तो उन्हें उसी समय पद छोड़ना होगा।
ऐतिहासिक उपलब्धि
अलका तिवारी की नियुक्ति झारखंड प्रशासनिक इतिहास में एक नई उपलब्धि मानी जा रही है। उनके नेतृत्व में राज्य में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की दिशा और पारदर्शिता पर विशेष नजर रहेगी। प्रशासनिक अनुभव और निर्णायक क्षमता के चलते उनसे निष्पक्ष व सशक्त चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने की उम्मीद जताई जा रही है।