झारखंड सरकार की पहल: आदिवासी विद्यार्थियों के लिए Free Medical & Engineering Coaching शुरू
झारखंड सरकार ने राज्य के मेधावी आदिवासी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल की है। अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी Free Medical & Engineering Coaching के माध्यम से NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे — वो भी बिना किसी शुल्क के।
यह योजना कोटा के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान Motion Education के सहयोग से शुरू की गई है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को राज्य में ही उच्चस्तरीय कोचिंग उपलब्ध कराई जाए, ताकि उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े। इस योजना के तहत रांची के हिंदपीढ़ी स्थित कल्याण विभाग के भवन में कोचिंग का संचालन किया जाएगा।
मंगलवार को कल्याण विभाग ने इस योजना के लिए कार्यादेश जारी किया। पहले चरण में लगभग 300 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इन विद्यार्थियों का चयन शैक्षणिक योग्यता और विभाग द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर किया गया है।

कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों को उचित संसाधन और मंच मिलना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हमारे राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन कई मेधावी विद्यार्थी संसाधनों की कमी और मार्गदर्शन के अभाव में पिछड़ जाते हैं। हमारी यह योजना सुनिश्चित करेगी कि झारखंड का कोई भी गरीब विद्यार्थी अपने सपनों से वंचित न रहे।”
मंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना सिर्फ एक कोचिंग प्रोग्राम नहीं है, बल्कि एक Mission for Educational Empowerment है। इसका लक्ष्य है कि झारखंड के बच्चे IIT, AIIMS और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करें और राज्य का नाम रोशन करें।
योजना का संचालन
इस योजना के संचालन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को दी गई है। विभाग की विशेष टीम विद्यार्थियों की प्रगति का नियमित मूल्यांकन करेगी और आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगी।
मंत्री श्री लिंडा ने कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी के साथ छात्रावास, पुस्तकालय और भोजनालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के अध्ययन और सुविधा हेतु सभी आवश्यक सुधारों के निर्देश दिए।

भविष्य की योजना
मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले चरणों में राज्य के विद्यार्थियों के लिए UPSC और Civil Services जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। पहले चरण में ST वर्ग, दूसरे चरण में SC और उसके बाद OBC वर्ग के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।
शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण
विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी भी बड़े सपने देखने का साहस पाएंगे। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास (Inclusive Growth in Education) की दिशा में बड़ा बदलाव लाने वाला है।
वेब स्टोरी:
मंत्री श्री लिंडा ने कहा, “आज का युग प्रतिस्पर्धा का है। हमें अपने विद्यार्थियों को केवल शिक्षा नहीं, बल्कि competitive advantage देना होगा। हमारा लक्ष्य है कि झारखंड का कोई भी मेधावी विद्यार्थी अवसर की कमी के कारण पीछे न रहे।”
इस योजना के सफल संचालन से झारखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां सरकार द्वारा निशुल्क कोचिंग सुविधा सीधे राज्य में ही उपलब्ध कराई जा रही है।