पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना समय की मांग : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन
रांची के जैप-1 ग्राउंड, डोरंडा में आज 20वीं झारखंड राज्य पुलिस ड्यूटी मीट-2025 का भव्य समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के प्रति अपना गहरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि “पुलिस किसी भी राज्य की रीढ़ होती है और चुनौती के इस दौर में पुलिस को तकनीकी दृष्टि से दक्ष होना आवश्यक है।”

राज्य पुलिस की भूमिका और बढ़ती जिम्मेदारियाँ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे-जैसे राज्य में विकास के नए आयाम खुल रहे हैं, वैसे-वैसे पुलिस की जिम्मेदारियाँ भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि “राज्य में निवेश, उद्योग और शहरीकरण के साथ-साथ सामाजिक और तकनीकी चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं, ऐसे में पुलिस बल को केवल परंपरागत ढर्रे पर नहीं, बल्कि आधुनिक और स्मार्ट पुलिसिंग के मार्ग पर चलना होगा।”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड सरकार पुलिस महकमे को अधिक कुशल और सशक्त बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। प्रशिक्षण, अनुसंधान और संसाधनों के उन्नयन पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
तकनीकी युग में दक्षता ही सफलता की कुंजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह युग तकनीक का है। अपराध अब केवल सड़कों पर नहीं, बल्कि साइबर माध्यमों से भी फैल रहा है। इसलिए आवश्यक है कि हमारे पुलिस अधिकारी और जवान तकनीकी दक्षता हासिल करें और डिजिटल अपराधों से निपटने में सक्षम बनें।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर पुलिसकर्मी को आधुनिक प्रशिक्षण मिले और वे समय की चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें।

विजेताओं और प्रतिभागियों को किया सम्मानित
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस ड्यूटी मीट-2025 के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों और टीमों को पुरस्कृत किया। उन्होंने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई दी और कहा कि “प्रतियोगिता में भाग लेकर ईमानदारी से प्रयास करना ही असली जीत है।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तीन उत्कृष्ट अनुसंधानकर्ताओं को भी सम्मानित किया, जिन्होंने पुलिस अनुसंधान और जांच के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
प्रतियोगिता से सीखें और करें व्यवहार में उपयोग
मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों से कहा कि “आपने इस प्रतियोगिता के माध्यम से जो ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया है, उसे अपने कार्यक्षेत्र में लागू करें। आपकी यह दक्षता न केवल विभाग के लिए, बल्कि समाज के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।”
उन्होंने चयनित प्रतिभागियों को आगामी अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट-2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन करेंगे।”
पुलिस की प्रेरणा और समाज का विश्वास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने की संस्था नहीं, बल्कि यह समाज की सुरक्षा, विश्वास और न्याय की भावना की प्रतीक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “एक सक्षम और संवेदनशील पुलिस बल राज्य की प्रगति की पहचान होता है।”
उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपेक्षा की कि वे न केवल कानून की रक्षा करें, बल्कि समाज के प्रति मानवीय दृष्टिकोण भी बनाए रखें।
कार्यक्रम में शामिल अधिकारी
समापन समारोह में डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता, अपर पुलिस महानिदेशक (एसीबी) श्रीमती प्रिया दूबे, पुलिस महानिरीक्षक (अपराध अनुसंधान) श्री मनोज कौशिक, सहित पुलिस विभाग के वरीय एवं कनिष्ठ पदाधिकारीगण मौजूद थे। समारोह का वातावरण गौरव और प्रेरणा से भरा रहा, जब मुख्यमंत्री ने विजेताओं को मंच पर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “इस प्रकार के आयोजन पुलिस विभाग में न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि सहयोग, नेतृत्व और तकनीकी उत्कृष्टता को भी मजबूत बनाते हैं।”