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‘BJP चाहे कितने भी मुख्यमंत्री लाए, मैं अकेला ही भारी’: हेमंत सोरेन ने घाटशिला में विपक्ष पर किया प्रहार

Hemant Soren Targets BJP Ahead of Ghatshila By-Election : घाटशिला उपचुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना
Hemant Soren Targets BJP Ahead of Ghatshila By-Election : घाटशिला उपचुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना (File Photo)
अक्टूबर 17, 2025

घाटशिला। झारखंड के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में चल रहे उपचुनाव के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रत्याशी सोमेश चन्द्र सोरेन ने अनुमंडल कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश भी उपस्थित रहे। नामांकन सभा के दौरान हेमंत सोरेन ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चाहे भाजपा कितने भी मुख्यमंत्री अलग-अलग राज्यों से मैदान में उतार दे, वे अकेले ही उनकी ताकत के सामने टिक नहीं पाएंगे।


विपक्ष पर तंज और जनता से अपील

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि घाटशिला का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प और संवेदनशील रहा है। उन्होंने अपने भाषण में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के नेताओं का संख्या बल किसी भी स्थिति में उनकी जनता के समर्थन के सामने कमजोर पड़ जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे विपक्ष के लोग पूरी तैयारी करके आए हैं। यहाँ एक दर्जन या दो दर्जन मुख्यमंत्री भी मैदान में आ जाएँ, मैं अकेला ही उन पर भारी पड़ूंगा। यह इसलिए संभव है क्योंकि यहाँ का मुख्यमंत्री हम नहीं बल्कि जनता है। उसकी ताकत मेरी ताकत है।”

उन्होंने जनता से अपील की कि वे सोमेश सोरेन को ऐतिहासिक मतों से जिताएँ ताकि विरोधी उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो जाए। उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव केवल पार्टी का नहीं बल्कि जनता की ताकत का परीक्षण है।


घाटशिला का संवेदनशील इतिहास

हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में घाटशिला के पिछले राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि बाबा दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े भाई और पूर्व मंत्री रामदास सोरेन का भी निधन हो गया। उन्होंने इसे संयोग नहीं बल्कि किसी अदृश्य ताकत की शक्ति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में ही सोमेश सोरेन को प्रत्याशी बनाया गया, ताकि वे अपने क्षेत्र और जनता की सेवा कर सकें।

उन्होंने याद दिलाया कि पिछले चुनाव में रामदास सोरेन को पहली बार घाटशिला के इतिहास में 20 से 22 हजार से अधिक मतों से जीत दिलाई गई थी। इस बार भी उन्होंने जनता से अपील की कि वोट ऐसा दिया जाए कि विरोधी उम्मीदवार का खाता भी न खुले।


चुनावी रणनीति और वोटिंग का महत्व

मुख्यमंत्री ने सभा में यह भी स्पष्ट किया कि इस बार वोट बंटने का मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, “अभी दो-तीन दिन और पर्चा भरने हैं। इसलिए हम अधिक कुछ नहीं बोल रहे हैं। जब मैदान में हम लोग उतरते हैं तो कुछ ज्यादा उत्साह आ जाता है।” उन्होंने अपने भाषण में जनता को सक्रिय रूप से मतदान करने के लिए प्रेरित किया और इसे लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बताया।


सोमेश सोरेन का नामांकन और समर्थन

सोमेश चन्द्र सोरेन ने अनुमंडल कार्यालय पहुंचकर अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश मौजूद थे। इस उपचुनाव में इंडी गठबंधन के उम्मीदवार होने के नाते, सोमेश सोरेन को झामुमो और कांग्रेस दोनों का समर्थन प्राप्त है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह गठबंधन घाटशिला में विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रहा है।


राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में इस उपचुनाव का परिणाम राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री का सक्रिय प्रचार और जनता के बीच उनकी व्यापक पैठ भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। विरोधी दल चाहे कितने भी मुख्यमंत्री मैदान में उतारें, लेकिन स्थानीय जनता की भावनाओं और हेमंत सोरेन की लोकप्रियता के चलते भाजपा के लिए यह कठिन चुनौती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार चुनाव में सिर्फ पार्टी की रणनीति नहीं बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी ही निर्णायक साबित होगी। वोटरों के बीच जागरूकता और मतदान का महत्व इस उपचुनाव में और भी बढ़ गया है।

घाटशिला उपचुनाव केवल एक विधानसभा क्षेत्र का चुनाव नहीं बल्कि झारखंड की राजनीति की एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मजबूत नेतृत्व और जनता के साथ उनके गहरे संबंधों ने इस चुनाव को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है। सोमेश सोरेन का नामांकन, उनके समर्थन में जुटी जनता, और विपक्ष की चुनौती इस उपचुनाव को राज्य की राजनीति में एक अहम मोड़ के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

इस उपचुनाव का परिणाम न केवल घाटशिला बल्कि पूरे झारखंड की आगामी राजनीतिक दिशा तय करेगा।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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