बेंगलुरु में पुलिस की साख पर फिर सवाल
बेंगलुरु में दो पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। मामला एक महिला ब्यूटीशियन के आरोपों से जुड़ा है, जिसने दोनों पर धोखाधड़ी, धमकी और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए।
महिला का आरोप: मदद के बहाने शोषण
शिकायत के अनुसार, करीब एक वर्ष पहले डी.जे. हल्लि थाने में तैनात इंस्पेक्टर सुनील एच. बी. ने खुद को मददगार बताते हुए महिला से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि वह उसके एक वित्तीय विवाद मामले में सहायता करेंगे।
धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और फिर उन्होंने महिला को अपने पीण्य क्षेत्र स्थित फ्लैट पर बुलाया। आरोप है कि वहां उन्होंने उससे विवाह का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए।
विवाह का वादा टूटा, शुरू हुआ उत्पीड़न
कुछ महीनों बाद इंस्पेक्टर सुनील ने महिला से दूरी बनाना शुरू कर दिया। जब उसने संपर्क करने की कोशिश की तो उसे धमकियां मिलने लगीं। महिला को तब एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सुनील ने एक होटल में कमरे की बुकिंग कर उससे शारीरिक संबंध बनाए थे।
एएसआई पर भी गंभीर आरोप
महिला ने सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) प्रकाश पर भी यौन मांग करने का आरोप लगाया है। दोनों ही अधिकारी डी.जे. हल्लि थाने में तैनात थे।
दर्ज हुई प्राथमिकी
पुलिस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी), 69 (धोखे से शारीरिक संबंध) और 75(1) (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पीण्य पुलिस कर रही है।
जांच में पारदर्शिता पर उठे सवाल
पुलिस बल की साख को लेकर यह मामला चर्चा में है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि जांच निष्पक्ष हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।
पुलिस विभाग ने बयान जारी कर कहा कि किसी भी अधिकारी को कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा।
राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता
कर्नाटक में हाल के महीनों में महिला उत्पीड़न से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। यह घटना राज्य में महिला सुरक्षा और पुलिस जवाबदेही पर फिर सवाल खड़े करती है।
पुलिस सुधार की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिस बल में नैतिक प्रशिक्षण और जवाबदेही प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है। ऐसे मामलों में तेज जांच और कार्रवाई से जनता का भरोसा बहाल किया जा सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हुआ है। कई उपयोगकर्ताओं ने पीड़िता का समर्थन किया और न्याय की मांग की। वहीं कुछ लोगों ने पुलिस विभाग की साख बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की सराहना भी की।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।