शहरी जनसंख्या में तीव्र वृद्धि ने नगरीकरण को बनाया चुनौतीपूर्ण: खट्टर
क्षेत्रीय बैठक में नगरीय विकास पर व्यापक चर्चा
बेंगलुरु, 30 अक्टूबर (वार्ता)।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि भारत में तेज़ी से बढ़ती शहरी जनसंख्या ने नगरीकरण को एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा कर दिया है। बेंगलुरु में आयोजित क्षेत्रीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में क्षेत्रीय स्तर पर संवाद और समीक्षा बैठकों की शुरुआत की है, ताकि राज्यों की स्थानीय चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके।
उन्होंने कहा, “आज नगरीकरण हमारे सामने एक गंभीर मुद्दा बन गया है। प्रतिदिन हमारे नगरों की जनसंख्या बढ़ रही है, जिससे सड़क, जल निकासी, यातायात और आवास जैसी समस्याएँ जटिल होती जा रही हैं।”
राज्यों के साथ सहयोगी संघवाद पर जोर
खट्टर ने कहा कि बैठक में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों की आवश्यकताओं और सुझावों को साझा किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का उद्देश्य “सहकारी संघवाद” को मजबूत करना है।
“चाहे किसी राज्य में किसी भी दल की सरकार हो, हमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा ताकि कोई भी राज्य विकास की दौड़ में पीछे न रह जाए,” उन्होंने कहा।
नगरीय परियोजनाओं के वित्तपोषण पर केंद्र की स्पष्टता
वित्तीय सहायता में कथित देरी के सवाल पर खट्टर ने कहा कि सभी विषयों पर एक समान नीति नहीं हो सकती, क्योंकि अनेक मुद्दे राज्य-विशिष्ट हैं।
उन्होंने बताया कि मेट्रो और अन्य नगरीय परियोजनाएँ केंद्र-राज्य साझेदारी, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों — जैसे जापान और विश्व बैंक — के सहयोग से संचालित की जाती हैं।
बेंगलुरु सुरंग सड़क परियोजना पर प्रतिक्रिया
जब उनसे बेंगलुरु की सुरंग सड़क परियोजना पर चल रहे विवाद (जहाँ उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और सांसद तेजस्वी सूर्या के बीच मतभेद हैं) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
“हर शहर की समस्याएँ अलग-अलग होती हैं। एक ही समाधान सभी पर लागू नहीं हो सकता। कुछ स्थानों पर मेट्रो भूमिगत हो सकती है, तो कुछ जगह ऊपरी संरचना उपयुक्त होती है।”
भारत का तीव्र गति से बढ़ता मेट्रो नेटवर्क
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का मेट्रो नेटवर्क विश्व स्तर पर तेजी से विस्तार कर रहा है।
“वर्तमान में देश में लगभग 1,100 किलोमीटर मेट्रो रेल परिचालन में है और 900 किलोमीटर निर्माणाधीन है। इससे हम विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। जब यह आंकड़ा 2,000 किलोमीटर तक पहुँचेगा, तो भारत अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा,” उन्होंने गर्व से कहा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल पाँच शहरों में मेट्रो कार्य जारी है और भविष्य में यह 29 नगरों तक विस्तारित होगा।
स्वच्छ भारत, पीएम आवास और ई-बस सेवा पर समीक्षा
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, अमृत योजना (AMRUT), प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मेट्रो रेल परियोजनाएँ तथा पीएम ई-बस सेवा योजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य इन योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करना है।
नगरीय रूपांतरण के लिए साझा प्रयासों की आवश्यकता
खट्टर ने कहा कि इन क्षेत्रीय बैठकों का मुख्य उद्देश्य साझी प्राथमिकताओं और सुधार मार्गों की पहचान करना है, जिससे एक-दूसरे के अनुभवों से सीख लेकर देश में शहरी विकास को गति दी जा सके।
सभी सहभागी राज्यों को 8 और 9 नवंबर को नई दिल्ली स्थित “राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन” (National Urban Conclave) में आमंत्रित किया गया है, जहाँ देशभर के नगरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
भारत के लिए नगरीकरण अब केवल विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि प्रबंधन और नीतिगत समन्वय की कसौटी भी बन गया है। खट्टर का यह वक्तव्य इस बात की पुष्टि करता है कि केंद्र सरकार संतुलित और सतत नगरीय विकास की दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।