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Cough Syrup Tragedy: छिंदवाड़ा खांसी की दवा त्रासदी, 24 बच्चों की मौत के मामले में दवा कंपनी का मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव गिरफ्तार

Cough Syrup Tragedy: Sresan Pharma Representative Arrested in MP – 24 बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई तेज
Cough Syrup Tragedy: Sresan Pharma Representative Arrested in MP – 24 बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई तेज (File Photo)
अक्टूबर 28, 2025

छिंदवाड़ा में खांसी की दवा से 24 बच्चों की मौत — जांच में नई गिरफ्तारी

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में ‘कोल्डरिफ’ खांसी की दवा से हुई 24 बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने स्रेसन फार्मा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सतीश वर्मा को गिरफ्तार किया है। यह कंपनी तमिलनाडु स्थित दवा निर्माता है, जिसका लाइसेंस पहले ही राज्य सरकार ने रद्द कर दिया था।

पुलिस के मुताबिक, सतीश वर्मा को रविवार और सोमवार की दरमियानी रात छिंदवाड़ा से पकड़ा गया। यह गिरफ्तारी मामले की जांच में बड़ा मोड़ मानी जा रही है।


अब तक छह गिरफ्तारियाँ

पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

  • जी. रंगनाथन — स्रेसन फार्मा के मालिक

  • डॉ. प्रवीण सोनी — छिंदवाड़ा के डॉक्टर, जिन्होंने बच्चों को दवा लिखी

  • के. माहेश्वरी — केमिस्ट

  • राजेश सोनी — होलसेल दवा व्यापारी

  • सौरभ जैन — मेडिकल स्टोर फार्मासिस्ट

पुलिस अधिकारी जितेंद्र कुमार जात ने बताया कि कुछ और गिरफ्तारियाँ जल्द की जा सकती हैं।


5 साल से कम उम्र के बच्चों पर कहर

अब तक सामने आए आँकड़ों के मुताबिक, 24 बच्चों की मौत मध्य प्रदेश में हुई, जिनमें ज्यादातर की उम्र 5 साल से कम थी।
इसके अलावा राजस्थान में भी 3 बच्चों की मौत इसी दवा के सेवन से हुई बताई जा रही है।

जांच में सामने आया कि बच्चों में किडनी फेल्योर की स्थिति बनी, जो दवा में मौजूद डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) जैसे जहरीले रसायन की वजह से हुआ।


WHO ने दी अंतरराष्ट्रीय चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बनी तीन दवाओं —
Coldrif, Respifresh TR, और ReLife — को “substandard” यानी निम्न गुणवत्ता का करार देते हुए चेतावनी जारी की है।
इनमें से ‘कोल्डरिफ’ दवा के सैंपल की जाँच में पाया गया कि इसमें 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल था — जबकि अनुमत सीमा 0.1% है।


देशभर में Coldrif पर बैन

इस घटना के बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और दिल्ली में कोल्डरिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सील कर दिया है।


सरकारी कार्रवाई और जांच

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि

“इस त्रासदी के जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”

राज्य सरकार ने ड्रग कंट्रोलर और असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर को निलंबित कर दिया है और मामले की गहराई से जांच के लिए SIT गठित की गई है।


पृष्ठभूमि: कब और कैसे उजागर हुई त्रासदी

2 अक्टूबर को तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग ने कोल्डरिफ के सैंपल को मानक से बाहर पाया।
3 दिन बाद मध्य प्रदेश की लैब रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि दवा में खतरनाक स्तर का रसायन मौजूद है।
इसके बाद से पूरे देश में स्वास्थ्य विभागों ने कोल्डरिफ और इससे जुड़ी दवाओं को मार्केट से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।


यह मामला न केवल भारत की दवा गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकारों और फार्मा उद्योग दोनों के लिए एक चेतावनी भी है।
छिंदवाड़ा की यह घटना देशभर में फार्मा निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की तात्कालिक आवश्यकता को उजागर करती है।


ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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