Gramayana Initiative: नागपुर, 14 सितम्बर 2025: समाज में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रही संस्थाओं को एक साझा मंच देने वाली पहल Gramayana अब महाराष्ट्र से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने जा रही है। नागपुर में आयोजित विदर्भ अभ्युदय सेवा प्रदर्शनी 2025 के समापन अवसर पर पद्मश्री Dr. Ravindra Kolhe ने विश्वास व्यक्त किया कि ग्रामायण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और शीघ्र ही यह पहल देशव्यापी होगी।
सेवा संस्थाओं का मंच
डॉ. कोल्हे ने कहा कि समाज में अनेक संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम कर रहे हैं। लेकिन अक्सर इन संगठनों का कार्य जनता तक नहीं पहुँच पाता। Gramayana इस कमी को पूरा कर रहा है और सेवाभावी कार्यों को जनमानस तक पहुंचाने में सेतु का काम कर रहा है। इसके माध्यम से समाज की सहयोगी ताकतें जुड़ रही हैं और योग्य संस्थाओं को पहचान और सहयोग मिल रहा है।
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Gramayana Initiative: CSR फंड से सहयोग का आश्वासन
कार्यक्रम में विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (VIA) के अध्यक्ष Prashant Mohta ने कहा कि ग्रामायण द्वारा जोड़ी जा रही संस्थाओं तक CSR Fund को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से पहुँचाने के लिए उनका संगठन सहयोग करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रयास सेवा संस्थाओं की कार्यक्षमता को और मजबूत बनाएगा।

समाज को चकित करने वाले कार्य
Gramayana Initiative: दै हितवाद के संपादक Vijay Phanshikar ने कहा कि ग्रामायण ने नागपुरकरों को सेवाभावी कार्यों की ऐसी झलक दिखाई है, जिसने समाज को आश्चर्यचकित कर दिया है। कई संस्थाएँ बेहद सीमित संसाधनों में भी बड़े पैमाने पर सेवा कर रही हैं, जो प्रेरणादायी है।
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सहभागी संस्थाओं का आभार
Gramayana Initiative: सेवा प्रदर्शनी में Snehanjal, Warkari, Panvatha, Deendayal Sanstha और Mamtav जैसी संस्थाओं ने हिस्सा लिया। इन संस्थाओं ने ग्रामायण को धन्यवाद दिया और कहा कि इस मंच ने उनके कार्य को व्यापक पहचान दिलाई।
छात्रों की सहभागिता और पुरस्कार
समापन समारोह में सामाजिक कार्य के विद्यार्थियों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर पद्मश्री Dr. Ravindra और Smita Kolhe, श्री प्रशांत व कौशल मोहता, श्री विजय फणशीकर समेत अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

भविष्य की दिशा | Gramayana Initiative
डॉ. कोल्हे ने कहा कि ग्रामायण केवल सेवा संस्थाओं का नेटवर्क नहीं बल्कि समाज को प्रेरित करने वाली पहल है। आने वाले समय में जब यह पहल देशव्यापी होगी, तब विभिन्न राज्यों के संगठन एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर और मजबूत होंगे। इससे समाज के वंचित वर्गों तक ज्यादा प्रभावी और संगठित रूप से मदद पहुँच पाएगी।
निष्कर्ष
नागपुर से मिली यह नई ऊर्जा संकेत देती है कि Gramayana Initiative भारत में सामाजिक परिवर्तन और सेवाभाव को नए स्तर पर ले जाने की क्षमता रखता है। पद्मश्री डॉ. रवींद्र कोल्हे का विश्वास केवल एक घोषणा नहीं बल्कि भविष्य की संभावनाओं का रोडमैप है, जो यह बताता है कि यह पहल अब ग्रामीण भारत की सीमाओं से निकलकर पूरे देश की सामूहिक चेतना को प्रभावित करेगी।