घरकुल योजना में रिश्वत का खेल: सरपंच की करतूत उजागर
हिंगोली जिले के कलमनुरी तहसील के घोड़ा ग्राम में प्रधानमंत्री आवास योजना (घरकुल) के तहत मंजूर घर के दूसरे हफ्ते की राशि दिलाने के नाम पर सरपंच द्वारा रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। सरपंच का सहयोगी रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के जाल में रंगे हाथ पकड़ा गया है, जबकि सरपंच फरार हो गया।
मामला क्या है?
शिकायतकर्ता के पिताजी को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घरकुल स्वीकृत हुआ था। पहला हफ्ता (किस्त) पहले ही प्राप्त हो चुका था और दूसरे हफ्ते की राशि के लिए शिकायतकर्ता ने ग्राम पंचायत में आवेदन किया था।
आरोप है कि घोड़ा ग्राम के सरपंच रावसाहेब नामदेव पाइकराव ने शासन को निरीक्षण रिपोर्ट भेजने के लिए ₹5000 की रिश्वत मांगी। सरपंच ने यह रकम अपने सहयोगी के माध्यम से देने के लिए कहा।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने का नाटक करते हुए इसकी जानकारी 6 अक्टूबर को हिंगोली एंटी करप्शन ब्यूरो को दी।
एसीबी ने रचा जाल
शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद 8 अक्टूबर को एसीबी ने एक जाल तैयार किया।
दोपहर लगभग 4 बजे कलमनुरी तहसील कार्यालय के सामने आरोपी सहयोगी सोनबा पंडितराव पतंगे शिकायतकर्ता से मिलने पहुंचा।
जैसे ही शिकायतकर्ता ने उसे ₹5000 की रिश्वत की रकम दी, वहां पहले से मौजूद एसीबी के अधिकारियों ने आरोपी को रंगे हाथ धर लिया। पूछताछ में आरोपी सोनबा ने कबूल किया कि वह रकम सरपंच रावसाहेब पाइकराव के कहने पर ले रहा था।
सरपंच फरार, मुकदमा दर्ज
घटना के बाद आरोपी सोनबा पतंगे को कलमनुरी पुलिस थाने ले जाया गया। वहीं, सरपंच रावसाहेब पाइकराव मौके से फरार हो गया।
हिंगोली एसीबी के पुलिस निरीक्षक राजेश मल्लपिल्लू की शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ कलमनुरी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इस कार्रवाई में एसीबी की टीम में एएसआई विजय शुक्ला, शेख यूनुस राजा राम फुफाते और भगवान मांडलिक शामिल थे।
प्रशासनिक सख्ती और भ्रष्टाचार पर सवाल
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को पक्के घर उपलब्ध कराना है, लेकिन ग्राम स्तर पर भ्रष्टाचार की ऐसी घटनाएं योजना की साख पर सवाल खड़े करती हैं। सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग बढ़ रही है।
हिंगोली एसीबी की यह कार्रवाई ग्रामीण स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश मानी जा रही है।
हिंगोली का यह मामला केवल एक रिश्वत प्रकरण नहीं, बल्कि यह बताता है कि कैसे जनकल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों को घूसखोरी की बाधाओं से जूझना पड़ता है।
सरपंच रावसाहेब पाइकराव के फरार होने के बाद अब पुलिस की अगली चुनौती है — उसे गिरफ्तार कर न्याय के कटघरे में लाना। वहीं, यह कार्रवाई एसीबी की सतर्कता और ईमानदार प्रशासनिक तंत्र की मिसाल पेश करती है।