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किसानों के लंबित अनुदान पर विधान परिषद में सवाल, सरकार ने दी कृषि समृद्धि योजना की जानकारी

Krishi Samruddhi Yojana: किसानों के लंबित अनुदान पर सरकार का जवाब, 25000 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी
Krishi Samruddhi Yojana: किसानों के लंबित अनुदान पर सरकार का जवाब, 25000 करोड़ की योजना को मिली मंजूरी (File Photo)
महाराष्ट्र विधान परिषद में किसानों के लंबित अनुदान पर चर्चा हुई। सरकार ने बताया कि 46.58 लाख किसानों का चयन हो चुका है। कृषि समृद्धि योजना से विभिन्न योजनाओं के लिए निधि उपलब्ध कराई जाएगी। भाऊसाहेब फुंडकर योजना के लिए 127.71 करोड़ की पूरक मांग की गई है। अगले पांच वर्षों के लिए 25000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी मिली है।
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महाराष्ट्र विधान परिषद में किसानों से जुड़े मुद्दों पर एक बार फिर गरमागरम बहस छिड़ गई। राज्य के किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले लंबित अनुदान और निधियों को लेकर विधायकों ने सरकार से सीधे सवाल किए। इस पर सरकार की ओर से दिए गए जवाब में कृषि समृद्धि योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी सामने आई है।

विधान परिषद में उठे सवाल

विधान परिषद के सत्र में विधायक रणजीत सिंह मोहिते पाटील और संजय खोडके ने राज्य के किसानों को मिलने वाले अनुदान और योजनाओं के लंबित निधियों पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने जानना चाहा कि आखिर किसानों के खाते में पैसा क्यों नहीं पहुंच रहा है और सरकार इस मामले में क्या कदम उठा रही है।

इन सवालों का जवाब देने के लिए कृषि मंत्री की ओर से वित्त राज्यमंत्री आशिष जैस्वाल ने विस्तार से जानकारी दी। उनके जवाब में कई अहम बातें सामने आईं जो किसानों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई हैं।

46 लाख से अधिक किसानों का चयन

वित्त राज्यमंत्री आशिष जैस्वाल ने बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न कृषि योजनाओं के तहत ‘पहले आवेदन, पहले प्राधान्य’ के आधार पर अब तक कुल 46,58,320 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है। यह संख्या बताती है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर किसानों को योजनाओं से जोड़ने का काम किया है।

हालांकि, मंत्री ने एक अहम बात की ओर भी इशारा किया कि सभी चयनित किसान अंतिम रूप से लाभ नहीं ले पाते। कई बार दस्तावेजों में कमी, पात्रता की शर्तों को पूरा न करना या फिर किसान की ओर से ही आगे की प्रक्रिया पूरी न करने जैसी वजहों से लाभ नहीं मिल पाता।

दस्तावेज जांच और पात्रता की प्रक्रिया

सरकार ने स्पष्ट किया कि चयन के बाद हर किसान के दस्तावेजों की गहन जांच की जाती है। पात्रता की पुष्टि होने के बाद ही योजनाओं के नियमों के अनुसार अनुदान की राशि किसानों के खाते में भेजी जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है ताकि सही किसान को सही समय पर लाभ मिल सके।

कृषि समृद्धि योजना से मिलेगी निधि

कृषि विभाग की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्णता मोड में लागू करने के लिए बड़े पैमाने पर निधि की जरूरत है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मंत्री जैस्वाल ने बताया कि ‘कृषि समृद्धि योजना’ से इन योजनाओं के लिए निधि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

यह योजना राज्य के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इसके जरिए विभिन्न कृषि योजनाओं को नई गति मिलेगी और लंबित अनुदानों का भुगतान तेजी से होगा।

भाऊसाहेब फुंडकर योजना के लिए 127 करोड़

फल बागायत को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही भाऊसाहेब फुंडकर फल बागायत योजना के लिए शीतकालीन अधिवेशन में 127.71 करोड़ रुपये की पूरक मांग प्रस्तुत की गई है। यह राशि फल उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को इस क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

फल बागायत योजना के तहत किसानों को फलों के पौधे, ड्रिप सिंचाई और अन्य आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना से किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।

केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रस्ताव भेजा

कृषि आयुक्तालय ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के दूसरी किस्त के निधि-प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है। इन योजनाओं में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

केंद्र सरकार से मिलने वाली निधि राज्य के किसानों के लिए बेहद जरूरी है। इससे कई महत्वपूर्ण योजनाओं को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

25000 करोड़ की विशाल योजना को मंजूरी

सबसे बड़ी खबर यह है कि कृषि समृद्धि योजना के तहत वर्ष 2025-26 से अगले पाँच वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 5000 करोड़ रुपये, कुल 25,000 करोड़ रुपये की तरतूद को 29 अप्रैल 2025 की मंत्रिमंडल बैठक में मंजूरी दी गई है।

यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री आशिष जैस्वाल ने सदन में साझा की। यह योजना महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। 25000 करोड़ रुपये की यह राशि किसानों की आय दोगुनी करने, आधुनिक कृषि तकनीक को बढ़ावा देने और कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में खर्च की जाएगी।

किसानों के लिए क्या है फायदा

इन योजनाओं से किसानों को कई तरह के फायदे होंगे। सबसे पहले तो लंबित अनुदान जल्द से जल्द खाते में आएगा। दूसरा, आधुनिक खेती के लिए जरूरी उपकरण और तकनीक खरीदने में मदद मिलेगी। तीसरा, फल बागायत और अन्य व्यावसायिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

कृषि समृद्धि योजना के तहत मिलने वाली निधि से सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार, बीज वितरण और कृषि प्रशिक्षण जैसे काम भी किए जाएंगे।

आगे की राह

सरकार का कहना है कि किसानों को समय पर लाभ पहुंचाना उसकी प्राथमिकता है। विधान परिषद में दी गई जानकारी से साफ है कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए गंभीर है।

अब यह देखना होगा कि जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होता है और किसानों तक इसका लाभ कितनी तेजी से पहुंचता है। किसान नेताओं और विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे इस पर लगातार निगरानी रखें।

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Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।