Maharashtra Cabinet Decisions 2025: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के पाँच महत्वपूर्ण निर्णय: विकास, सुरक्षा और सहकारिता पर जोर
महाराष्ट्र सरकार की हालिया मंत्रिमंडल बैठक में पाँच प्रमुख निर्णय लिए गए हैं, जो राज्य की सहकारिता व्यवस्था, न्यायिक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और जलसंपदा विकास से गहराई से जुड़े हैं। इन फैसलों का प्रभाव सीधे तौर पर किसानों, न्यायिक तंत्र और ग्रामीण जनता के जीवन पर पड़ेगा।
सहकार विभाग: नाशिक, नागपुर और धाराशिव बैंकों को 827 करोड़ की सहायता
राज्य सरकार ने नाशिक, नागपुर और धाराशिव जिला मध्यवर्ती बैंकों को कुल 827 करोड़ रुपये की सहायता देने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य कृषि ऋण वितरण को गति देना और ग्रामीण वित्तीय संस्थानों की स्थिरता को सुनिश्चित करना है।
नाशिक बैंक को 672 करोड़ रुपये, नागपुर बैंक को 81 करोड़ रुपये और धाराशिव बैंक को 74 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
धाराशिव जिला बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ने के कारण सरकार ने उसके निदेशक मंडल को भंग करने और प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय भी लिया है। इस कदम से बैंक की पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत किया जाएगा।
विधि व न्याय विभाग: न्यायालयों की सुरक्षा को मिली नई मजबूती
राज्यभर में न्यायालय परिसरों और न्यायाधीशों के आवासों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कुल 8,282 सुरक्षारक्षकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि अदालतों और न्यायाधीशों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
इस योजना के लिए 443 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
यह निर्णय हाल के वर्षों में न्यायिक कर्मियों की सुरक्षा पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए लिया गया है।
वित्त विभाग: पाँचवें वित्त आयोग की अवधि 2026 तक बढ़ी
मंत्रिमंडल ने पाँचवें महाराष्ट्र वित्त आयोग की अवधि को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने की स्वीकृति दी है। इससे स्थानीय निकायों को अपने वित्तीय ढाँचे और योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टि से समायोजित करने में सहायता मिलेगी।
वित्त आयोग की सिफारिशें ग्रामीण और शहरी विकास योजनाओं के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती हैं, जिनका असर अगले बजटों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
जलसंपदा विभाग: हिंगोली के डिग्रस साठवण तालाब को मिली मंजूरी
Maharashtra Cabinet Decisions 2025: राज्य के हिंगोली ज़िले में डिग्रस साठवण तालाब परियोजना को 90.61 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह परियोजना 603 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करेगी और स्थानीय पेयजल समस्या को दूर करने में अहम भूमिका निभाएगी।
इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और ग्रामीण जनजीवन में स्थायित्व आएगा।
प्रशासनिक दृष्टिकोण: विकास और सुरक्षा का संतुलन
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के इन पाँच निर्णयों से स्पष्ट होता है कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था, न्यायिक सुरक्षा और जल प्रबंधन को समान प्राथमिकता दे रही है।
सहकार क्षेत्र में पूँजी निवेश से किसानों को सस्ता ऋण मिलेगा, जबकि न्यायिक सुरक्षा व्यवस्था में सुधार से राज्य के कानून-व्यवस्था ढाँचे को मजबूती मिलेगी।
वित्त आयोग की अवधि बढ़ाने से वित्तीय योजनाओं में निरंतरता सुनिश्चित होगी, वहीं हिंगोली की सिंचाई परियोजना ग्रामीण विकास के नए द्वार खोलेगी।
महाराष्ट्र सरकार के इन निर्णयों से यह संकेत मिलता है कि राज्य प्रशासन विकास की आधारभूत आवश्यकताओं — कृषि, न्याय, वित्त और जल — को प्राथमिकता में रखकर संतुलित नीति बना रहा है।
इन योजनाओं का क्रियान्वयन आने वाले महीनों में राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।