मुंबई CSMI हवाई अड्डा दीवाली के अवसर पर चमका
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) दीवाली की पूर्व संध्या पर एक अद्भुत प्रकाश और सजावट के दृश्य में परिवर्तित हो गया। यहाँ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के स्वागत के लिए आधुनिक और पारंपरिक भारतीय तत्वों का शानदार मिश्रण प्रस्तुत किया गया।
प्रवेश से ही महसूस होती है दीवाली की झलक
टर्मिनल में प्रवेश करने से पहले ही यात्रियों को एक भव्य दृश्य देखने को मिलता है। एलीवेटेड ब्रिज और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रभावशाली मूर्ति के पास सफेद गर्म रोशनी की लंबी सजावट का जाल बिछा हुआ है, जो एक शानदार वातावरण निर्मित करता है।

अंदर टर्मिनल की आधुनिक वास्तुकला पारंपरिक भारतीय डिजाइनों के साथ खूबसूरती से मिश्रित है, जिससे यात्रियों को एक उत्सवमय अनुभव प्राप्त होता है।
दीयों और रोशनी की अद्भुत स्थापना
दीपों और रोशनी का मुख्य आकर्षण मल्टी-टीयर टॉवर वाली स्थापना है, जिस पर जगमगाते हुए दीयों (Earthen Lamps) के रूपांकित प्रकाश हैं। यह दीपों का संगम अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक प्रस्तुत करता है।
हवाई अड्डे की छत पर ताना-बाना बिखरी हुई रोशनी की स्ट्रिंग्स ने एक कैनॉपी जैसा दृश्य बना दिया है, जो पूरे टर्मिनल को उत्सव के माहौल से भर देता है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में क्रिस्टलीय डायमंड आकार की लटकती रोशनी और आर्क्स में जड़ी हुई चमकती बल्बों की सजावट दिखाई देती है।
कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्रों में भी उत्सव
हवाई अड्डे के कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्रों में भी दीवाली का माहौल पूर्ण रूप से व्याप्त है।
एक प्रदर्शनी में “Happy Diwali” शब्दों को रोशनी से सजाया गया है, जिसके नीचे गुलाबी और पीले कमल के फूलों की सजावट की गई है।
एक और भव्य इनडोर स्थापना में सोने के बड़े आर्चेस और चमकती फेयरी लाइट्स की दीवार दिखाई देती है। इसके बीच सफेद दीयों के आकृतियां सजाई गई हैं और सजावटी गिफ्ट बॉक्स के साथ इसे पूरी तरह उत्सवमय बनाया गया है।
यात्रियों के लिए यादगार अनुभव
इस प्रकार, CSMIA ने दीवाली के अवसर पर यात्रियों को न केवल एक सुरुचिपूर्ण स्वागत प्रदान किया है, बल्कि आधुनिक डिजाइन और पारंपरिक भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत किया है। यात्रियों के लिए यह एक यादगार और उत्सवमय अनुभव बन गया है।
मुंबई के इस हवाई अड्डे की सजावट ने यह साबित कर दिया कि भारत में उत्सवों का जश्न न केवल घरों में बल्कि सार्वजनिक स्थानों में भी कला और आधुनिकता के संगम से मनाया जा सकता है।