मुंबई में मोनोरेल परीक्षण के दौरान बड़ा हादसा टला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब वडाला डिपो पर एक मोनोरेल ट्रेन परीक्षण के दौरान पटरी से उतर गई। हादसे के वक्त ट्रेन में कोई यात्री मौजूद नहीं था, सिर्फ चालक और एक इंजीनियर सवार थे, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। सौभाग्य से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
सुबह 9 बजे का हादसा
यह दुर्घटना बुधवार सुबह लगभग 9 बजे की बताई जा रही है। परीक्षण के दौरान अचानक मोनोरेल का अगला हिस्सा पटरी से उतरकर हवा में लटक गया। मौके पर मौजूद दमकल विभाग और एमएमआरडीए (महानगरीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। दोनों कर्मियों को बिना किसी चोट के बाहर निकाल लिया गया।
VIDEO | Mumbai: A monorail train tilted during a test run at Wadala depot on Wednesday morning, officials said, adding that there were no passengers inside the train. No injury was reported in the incident, they said. Two crew members were safely rescued from the monorail, a fire… pic.twitter.com/GAzGoSz6VU
— Press Trust of India (@PTI_News) November 5, 2025
परीक्षण के दौरान हुआ तकनीकी दोष
अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सिग्नलिंग और नियंत्रण प्रणाली के परीक्षण के दौरान हुई। ट्रेन के ट्रैक अलाइनमेंट में तकनीकी खामी आने से डिब्बा असंतुलित हो गया। हालांकि पूरी घटना में ट्रेन के ढांचे को आंशिक नुकसान हुआ है, लेकिन कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
अलाइनमेंट को हुआ नुकसान
प्राथमिक जांच में सामने आया कि ट्रायल रन के दौरान ट्रैक का अलाइनमेंट गड़बड़ाने से मोनोरेल का पहिया ट्रैक से उतर गया। महा मुंबई मेट्रो रेल ऑपरेशंस लिमिटेड ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जा रही है। समिति तकनीकी खामियों, सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रेन के यांत्रिक हिस्सों की गहन जांच करेगी।

यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
मोनोरेल प्रोजेक्ट को लेकर पहले भी कई बार तकनीकी गड़बड़ियों की खबरें सामने आती रही हैं। 2023 और 2024 में भी बार-बार आई खराबियों के कारण मुंबई मोनोरेल सेवा को कई बार स्थगित करना पड़ा। यह हादसा उन सवालों को और गहरा कर गया है कि क्या सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तकनीकी संरचना को पूरी तरह आधुनिक नहीं बनाया जाता, ऐसे खतरे बने रहेंगे।
मोनोरेल सेवाएँ पहले से बंद
अधिकारियों के अनुसार, मुंबई मोनोरेल की यात्री सेवाएँ 20 सितंबर से ही सिस्टम अपग्रेडेशन के लिए निलंबित हैं। यह परीक्षण नए रेक की कार्यक्षमता जांचने के लिए किया जा रहा था। चूँकि यह ट्रायल रन था, इसलिए यात्रियों की उपस्थिति नहीं थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
जांच समिति का गठन
एमएमआरडीए ने घटना के तुरंत बाद तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने की घोषणा की है। समिति पिछले कुछ महीनों में हुई तकनीकी समस्याओं की भी समीक्षा करेगी, जिनमें 15 सितंबर और 19 अगस्त को हुई दो प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं, जब यात्रियों को बीच ट्रैक पर फँसना पड़ा था।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुंबई पुलिस और दमकल विभाग ने घटना स्थल को सुरक्षा घेरे में लेकर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि हादसे से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह तकनीकी लापरवाही का गंभीर उदाहरण है। नगर निगम ने भी मोनोरेल परियोजना की सुरक्षा प्रक्रियाओं की पुन: समीक्षा के निर्देश जारी किए हैं।
मुंबई की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सार्वजनिक परिवहन परियोजनाओं में तकनीकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। वडाला डिपो पर हुआ यह हादसा किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकता था, परंतु त्वरित कार्रवाई से चालक दल की जान बच गई। अब देखना यह है कि जांच समिति किन सुधारात्मक कदमों की सिफारिश करती है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।