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Rupee: रुपया 88.69 प्रति डॉलर पर स्थिर, घरेलू बाजार में कमजोरी और कच्चे तेल की गिरावट का मिला-जुला असर

Rupee ends flat at 88.69 against US Dollar
Rupee ends flat at 88.69 against US Dollar, घरेलू शेयर बाजार और तेल की कीमतों ने डाला असर (Photo by PTI)
अक्टूबर 31, 2025

रुपया 88.69 प्रति डॉलर पर स्थिर रहा

मुंबई के अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार को रुपये की चाल सीमित रही। शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद अंत में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.69 के स्तर पर स्थिर बंद हुआ।

विदेशी बाजार और घरेलू शेयर बाजार का प्रभाव

शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर में मजबूती देखी गई, जिससे रुपये पर दबाव बना। वहीं, घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट ने निवेशकों का मनोबल कमजोर किया। सेंसेक्स 465.75 अंक गिरकर 83,938.71 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 155.75 अंक फिसलकर 25,722.10 पर पहुंच गया।

कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से राहत

ब्रेंट क्रूड का भाव 0.68 प्रतिशत घटकर 64.56 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इससे भारत जैसे तेल आयातक देशों को राहत मिली। इससे रुपये पर नकारात्मक प्रभाव सीमित रहा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों का असर

गुरुवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। यह बाजार की अपेक्षा के अनुरूप था। हालांकि, फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने यह संकेत दिया कि अमेरिकी महंगाई अभी भी लक्ष्य से ऊपर है और श्रम बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। इससे डॉलर मजबूत हुआ और रुपये पर दबाव बढ़ा।

रुपये की चाल और विदेशी निवेश

रुपया दिन में 88.59 के उच्चतम और 88.78 के न्यूनतम स्तर के बीच रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने गुरुवार को 3,077.59 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इससे पूंजी बाजार से धन का बहिर्वाह हुआ।

डॉलर इंडेक्स में मामूली बढ़त

डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है, 0.04 प्रतिशत बढ़कर 99.39 पर पहुंचा। इससे उभरते बाजारों की मुद्राओं पर दबाव बना।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर की स्थिति और कच्चे तेल के दाम पर निर्भर करेगी। अगर वैश्विक स्तर पर डॉलर मजबूत बना रहता है, तो रुपये पर और दबाव देखने को मिल सकता है।

निवेशकों के लिए संकेत

मुद्रा विशेषज्ञों ने निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। विदेशी निवेश और तेल कीमतों में कोई भी बड़ा बदलाव रुपये की दिशा तय कर सकता है। फिलहाल, रुपये की स्थिरता को संतुलित कारकों का परिणाम माना जा रहा है।


यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।


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