Nagpur Historic Maskarya Ganpati 2025 का इस वर्ष भव्य आगमन 9 सितंबर को होने जा रहा है। परंपरा के अनुसार गणपति की स्थापना 10 सितंबर 2025 को की जाएगी। यह उत्सव न सिर्फ नागपुर की cultural identity का प्रतीक है, बल्कि मराठी समाज की historic heritage का भी गौरवशाली अध्याय है।
परंपरा की शुरुआत – 1787 से
सन् 1787 में श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज भोंसले, जिन्हें चिमणाबापू के नाम से भी जाना जाता है, ने इस Maskarya (Hadapkya) Ganpati Utsav की शुरुआत की थी। खंडोजी महाराज, जो अपनी वीरता और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष के लिए प्रसिद्ध थे, बंगाल अभियान से लौटते समय एक महत्वपूर्ण परंपरा की नींव रख गए। उस समय कुलाचारी गणपति का विसर्जन पहले ही हो चुका था। विजय की खुशी में महाराज ने मस्कऱ्या गणपति की स्थापना की और public celebration का स्वरूप दिया।
इस उत्सव में विविध nukkad nataks, “खड़ी गम्मत” और सामाजिक संदेश देने वाले folk performances का आयोजन किया जाता था। इस तरह यह केवल धार्मिक आयोजन न होकर एक people’s festival बन गया।
लोकमान्य टिळक से प्रेरणा
बाद के वर्षों में, लोकमान्य बाल गंगाधर टिळक ने भी इसी परंपरा से प्रेरणा लेकर Sarvajanik Ganeshotsav movement की नींव रखी। अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान, उन्होंने गणेशोत्सव को social unity और freedom struggle का केंद्र बनाया।
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238 वर्षों की यात्रा | Nagpur Historic Maskarya Ganpati 2025
आज यह परंपरा 238 वर्ष पूरे कर चुकी है। Nagpur Historic Maskarya Ganpati 2025 इसी गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है। Nagpur Maharaja Trust और श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोंसले के मार्गदर्शन में हर वर्ष यह आयोजन विशेष उत्साह से किया जाता है। यह आयोजन नागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे विदर्भ क्षेत्र में devotional attraction का केंद्र है।
ऐतिहासिक दृष्टि से, खंडोजी महाराज के काल में 18 हाथ (लगभग 21 फीट) की भव्य गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती थी। इस परंपरा को बनाए रखते हुए इस वर्ष भी 18 हाथ (7 फीट) की गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। खास बात यह है कि यह गणपति Navas-svikar Ganpati यानी मनोकामना पूरी करने वाले गणपति के रूप में विख्यात है। भक्तों का मानना है कि यहां की प्रार्थना का तुरंत प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है।
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आगमन शोभायात्रा 2025
इस वर्ष की Ganpati Arrival Procession 9 सितंबर 2025 को शाम 6 बजे निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा CP & Berar College, तुलसीबाग से प्रारंभ होकर, जूनियर भोसला पैलेस, राजे प्रतापसिंह भोंसले चौक (सुतिका गृह), कोतवाली पुलिस स्टेशन चौक, नरसिंग टॉकीज चौक से गुजरते हुए सीनियर भोसला पैलेस तक पहुंचेगी।
हर साल की तरह इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। पारंपरिक dhol-tasha pathaks, bhajan mandalis, और cultural performances इस यात्रा को और भव्य बनाएंगे।
सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक महत्व
यह उत्सव केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि नागपुर की living heritage के रूप में देखा जाता है। यहां हर वर्ग और हर पीढ़ी की भागीदारी होती है। आधुनिक समय में भी इस आयोजन की खास बात यह है कि यह उत्सव eco-friendly practices को अपनाने के साथ-साथ digital outreach के जरिए युवाओं से भी जुड़ रहा है।
भक्तों के लिए संदेश
आयोजन समिति ने भक्तों से अपील की है कि वे गणपति आगमन और स्थापना के समय पारंपरिक अनुशासन का पालन करें। साथ ही, traffic management और safety guidelines का पालन करने की भी अपील की गई है।
नया पैराग्राफ
नागपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने में Nagpur Historic Maskarya Ganpati 2025 की विशेष भूमिका है। यह उत्सव न केवल श्रद्धालुओं को आस्था से जोड़ता है बल्कि इतिहास, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। हर वर्ष हजारों लोग इस आयोजन में शामिल होकर नागपुर की पहचान को और भी प्रखर बनाते हैं।
इस प्रकार, Nagpur Historic Maskarya Ganpati 2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि historical celebration of culture, unity, and devotion है। 238 वर्षों की यह परंपरा इस वर्ष भी वही भव्यता और श्रद्धा के साथ जीवित होगी, जैसा खंडोजी महाराज ने प्रारंभ किया था।