राज्यस्तरीय आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य आयोजन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में जननायक और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनजातीय गौरव वर्ष के राज्यस्तरीय आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लेकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह आयोजन न केवल आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने का प्रयास था, बल्कि उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
आदिवासी विरासत को संरक्षित करने वाला सांस्कृतिक संग्रहालय
कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित अनेक महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का ऑनलाइन भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया। इनमें सबसे प्रमुख परियोजना थी सुराबर्डी, नागपुर स्थित गोंडवाना आदिवासी सांस्कृतिक संग्रहालय तथा आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण उपकेंद्र का भूमिपूजन। यह संग्रहालय न केवल गोंडवाना साम्राज्य की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा, बल्कि विविध जनजातियों की कला, संगीत, भाषा और परंपराओं को सहेजने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अनुसंधान उपकेंद्र से आदिवासी इतिहास के सटीक दस्तावेज़ीकरण तथा शैक्षणिक अध्ययन को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।

आश्रमशालाओं को उन्नत सुविधाएँ प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार का मुख्य फोकस आदिवासी बच्चों की शिक्षा को मजबूत बनाना है। इसी उद्देश्य से घानवळ, एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, जव्हार (जिला पालघर) स्थित शासकीय आश्रमशाला के नए भवन का लोकार्पण किया गया।
नए भवन की संरचना आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे आदिवासी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण प्राप्त होगा। सरकार का मत है कि इन सुविधाओं के माध्यम से आदिवासी बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में सकारात्मक बदलाव अवश्य आएगा।
विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नई प्रयोगशाला
कार्यक्रम के अंतर्गत पळसुंडा, जव्हार स्थित शासकीय आश्रमशाला के लिए निर्मित नई प्रयोगशाला का लोकार्पण भी हुआ। यह प्रयोगशाला विज्ञान शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
आधुनिक उपकरणों से युक्त यह प्रयोगशाला विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में सहायता करेगी और विज्ञान के प्रति उनकी रुचि को बढ़ावा देगी। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में आधुनिक शिक्षा संसाधनों की उपलब्धता हमेशा एक चुनौती रही है, लेकिन यह पहल उस दिशा में प्रभावी कदम माना जा रहा है।
आदिवासी बालिकाओं के लिए सुरक्षित आवास सुविधा
देवगांव, नाशिक स्थित एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प परिसर में निर्मित नए कन्या छात्रावास का उद्घाटन भी कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा।
यह बालिकाओं के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुसज्जित आवास सुविधा उपलब्ध कराएगा। छात्रावास के निर्माण से न केवल आदिवासी बालिकाओं की शिक्षा निरंतर जारी रहेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक वातावरण भी प्राप्त होगा।
सरकार का मानना है कि बालिकाओं को सुरक्षित आवास प्रदान करना शिक्षा में उनकी निरंतरता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है और यह परियोजना उसी सोच का प्रतिबिंब है।
आदिवासी गौरव को समर्पित यादगार दिवस
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम पूरे राज्य में आदिवासी गौरव और सांस्कृतिक सम्मान का प्रतीक बन गया। महोत्सव में आदिवासी कलाकारों के नृत्य, पारंपरिक संगीत और संस्कृति के अनगिनत रंगों ने समूचे आयोजन को जीवंत बना दिया।
मुख्यमंत्री फडणवीस और नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समाज के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है और आने वाले समय में भी ऐसी कई योजनाएँ लागू की जाएँगी जो जनजातीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनाएँगी।