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पीड़ित महिला के न्याय हेतु मनसे की तीव्र अपील, आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी का खुलासा

ICICI Bank Fraud
ICICI Bank Fraud – पीड़ित महिला को न्याय दिलाने हेतु मनसे की अपील, नागपुर बैंक धोखाधड़ी का मामला
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मनसे का उठाया न्याय का प्रश्न

नागपुर में आईसीआईसीआई बैंक के कुछ अधिकारियों और दलालों द्वारा गरीब नागरिकों के साथ की गई आर्थिक धोखाधड़ी ने समाज में हड़कंप मचा दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने पीड़ित महिला वनश्री मूलचंद तरोने के पक्ष में न्याय दिलाने हेतु गंभीर अपील की है। मनसे का कहना है कि बैंक में उच्च अधिकारियों और कुछ कर्मचारियों ने आर्थिक लाभ के लिए षड्यंत्र रचते हुए झूठे दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों के आधार पर ऋण जारी किया।

झूठे दस्तावेज़ों के माध्यम से कर्ज मंजूरी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वनश्री तरोने के नाम पर बिना उनकी जानकारी के 7.5 लाख रुपये का कर्ज मंजूर किया गया। इस दौरान फर्जी वेतन पर्ची और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करने का आरोप बैंक कर्मचारियों राहुल गोइकर, अमित पटले और दलाल अंकित मंगम पर लगाया गया है। महिला के खाते से 4 लाख रुपये निकाल लिए गए और उन्हें यह धोखाधड़ी पति के निधन के बाद वसूली के समय ज्ञात हुई।

बैंक और ग्राहक दोनों को हुआ नुकसान

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से न केवल बैंक को बल्कि आम गरीब नागरिकों को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पीड़ित महिला ने यह भी बताया कि उन्हें ऋण के संबंध में कोई उचित जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे वह पूरी तरह आर्थिक और मानसिक संकट में फंस गईं।

मनसे की चेतावनी और आंदोलन की तैयारी

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि सात दिनों के भीतर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और महिला का पूरा कर्ज माफ नहीं किया गया, तो पार्टी द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। रिजनल हेड श्री धीरज खेकरे ने इस संदर्भ में जांच का लिखित आश्वासन प्रदान किया है।

सामाजिक और कानूनी पहलुओं का महत्व

इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल व्यक्तिगत स्तर पर गंभीर नुकसान पहुँचाती है, बल्कि समाज में विश्वास और आर्थिक सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता अनिवार्य है।

पीड़िता की अपील और नागरिकों को संदेश

पीड़ित महिला ने मनसे के माध्यम से अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय की अपील की है। उनका कहना है कि बैंक और संबंधित अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार कर शीघ्र न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। इस घटना ने नागरिकों को यह संदेश भी दिया है कि अपने वित्तीय दस्तावेज़ और ऋण संबंधी जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण रखना अत्यंत आवश्यक है।

निष्कर्ष

नागपुर में आईसीआईसीआई बैंक की यह धोखाधड़ी न केवल एक व्यक्तिगत मामला है, बल्कि पूरे बैंकिंग तंत्र और सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। मनसे की सक्रियता और पीड़ित महिला की हिम्मत समाज में न्याय की राह को मजबूती देती है। अब सवाल यह है कि बैंक और सरकार इस मामले में कितनी तेजी से कदम उठाते हैं और पीड़िता को उसका न्याय मिल पाता है या नहीं।


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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.