अस्पताल में हुई त्रासदी की कहानी
कामठी के सिटी हॉस्पिटल में एक अत्यंत गंभीर और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। स्थानीय निवासी वासिफ़ जलाल, जिन्हें हल्के स्वास्थ्य समस्या के कारण सिटी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के लिए लाया गया था, उनकी मृत्यु ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया। परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने मरीज की गंभीर स्थिति का सही मूल्यांकन नहीं किया और बिना परिवार की अनुमति के वेंटिलेटर और अन्य उपचार किए।
मरीज की स्थिति और अस्पताल का रवैया
जानकारी के अनुसार, वासिफ़ जलाल अपने पैरों पर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल ने उन्हें “गंभीर मरीज” बताकर तत्काल भर्ती कर लिया। परिवार ने बताया कि अगले ही दिन डॉक्टरों ने वासिफ़ को वेंटिलेटर पर डाल दिया। जब परिवार ने इसका विरोध किया, तो डॉक्टरों ने यह तर्क दिया कि मरीज़ की तत्काल सर्जरी अनिवार्य है।
परिवार ने सर्जरी से इंकार किया और वासिफ़ को दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने का निर्णय लिया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही डॉक्टरों ने वासिफ़ को मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने परिवार और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न किया।
अस्पताल में सरकारी योजनाओं का कथित दुरुपयोग
परिवार ने आरोप लगाया कि सिटी हॉस्पिटल में सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल का स्टाफ अक्सर मरीजों और उनके परिजनों के प्रति लापरवाही दिखाता है। इसके अलावा, परिवार ने यह भी कहा कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयों में फार्मेसी वाले अक्सर अपनी तरफ़ से अतिरिक्त दवाइयाँ जोड़ देते हैं, जिससे मरीजों को अनावश्यक परेशानी होती है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांगें
परिवार ने प्रशासन से सिटी हॉस्पिटल पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही न केवल मरीजों के जीवन के लिए खतरनाक है, बल्कि जनता के विश्वास को भी चोट पहुँचाती है। स्थानीय लोगों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
स्थानीय स्वास्थ्य सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह
इस मामले ने स्थानीय स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। यह घटना बताती है कि अस्पतालों में मरीजों के अधिकार और पारिवारिक अनुमति की अनदेखी गंभीर परिणामों को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन को अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।
वासिफ़ जलाल की मृत्यु केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह पूरे समुदाय के लिए चेतावनी है। अस्पतालों में मरीजों के प्रति संवेदनशीलता और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच कर मरीजों और उनके परिवारों के अधिकारों की सुरक्षा करें।