भ्रष्टाचार पर गिरी गाज: नागपुर परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला उजागर
नागपुर, महाराष्ट्र — परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका ताज़ा उदाहरण नागपुर में सामने आया है। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) श्री सानप और एक लिपिक को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई बुधवार देर शाम की गई, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
शिकायतकर्ता ने खोला भ्रष्टाचार का राज
सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने परिवहन विभाग में वाहन संबंधित कागजात के सत्यापन हेतु आवेदन किया था। इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के नाम पर एआरटीओ सानप और उनके लिपिक ने कथित रूप से ₹10,000 की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने यह बात नागपुर एसीबी कार्यालय में दर्ज कराई, जिसके बाद जाल बिछाया गया।
एसीबी की सटीक कार्रवाई
शिकायत सत्यापन के बाद एसीबी अधिकारियों ने योजना के तहत शिकायतकर्ता को संकेत देने के निर्देश दिए। जैसे ही लिपिक ने रिश्वत की राशि स्वीकार की और एआरटीओ सानप तक पहुंचाई, टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों को धर दबोचा।
कार्रवाई के दौरान एसीबी अधिकारियों ने रिश्वत की पूरी राशि बरामद की। फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अब आगे क्या होगा?
जांच अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ है कि यह रिश्वतखोरी कोई पहली घटना नहीं थी। परिवहन विभाग में दलालों और अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं।
एसीबी अब विभागीय रिकॉर्ड और फाइलों की भी जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि ऐसे और कितने मामलों में अनियमितता हुई है।
प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद नागपुर परिवहन विभाग सहित पूरे क्षेत्रीय प्रशासनिक ढांचे में हलचल मच गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल सभी शाखाओं को “शून्य सहिष्णुता नीति” के अंतर्गत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी घूसखोरी में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जनता में संतोष, लेकिन चिंता भी
जनता के बीच इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
कई लोगों ने एसीबी की तत्परता की सराहना की, वहीं कुछ ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार केवल निचले स्तर पर ही नहीं, बल्कि ऊपरी स्तर तक फैला हुआ है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक ऐसे मामले बार-बार सामने आते रहेंगे।
एसीबी का आधिकारिक बयान
एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,
“हमें परिवहन विभाग से जुड़े कई शिकायतें मिली थीं। यह कार्रवाई उसी क्रम में की गई। हमारे लिए यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि एक उदाहरण है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।”
पारदर्शिता की नई उम्मीद
नागपुर में हुई इस कार्रवाई ने आम नागरिकों में नई उम्मीद जगाई है कि शासन और प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ अब पहले से अधिक सख्त रुख अपनाएगा।
राज्य सरकार ने हाल ही में ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिससे ऐसे मामलों में कमी आएगी।
नागपुर परिवहन विभाग में सहायक आरटीओ सानप और लिपिक की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है।
यह घटना न केवल प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है, बल्कि आम नागरिकों के लिए यह संदेश भी देती है कि सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलने वालों की जीत अंततः निश्चित है।