Nagpur DIG Daughter Suicide: EMP के सामने हुई दर्दनाक घटना से नागपुर में सन्नाटा
नागपुर शहर में उस समय हड़कंप मच गया जब डीआईजी रैंक के अधिकारी की बेटी ने एम्स हॉस्पिटल के सामने स्थित एक बहुमंजिला इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बुधवार की सुबह करीब 10 बजे की बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और लड़की को एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डीआईजी की बेटी ने क्यों उठाया यह कदम?
पुलिस के शुरुआती बयान के अनुसार, मृतक युवती की पहचान 24 वर्षीय आकांक्षा (परिवर्तित नाम) के रूप में हुई है। वह कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थी और पढ़ाई के साथ-साथ पारिवारिक दबाव का भी सामना कर रही थी। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया कि युवती ने हाल ही में अपने एक मित्र से झगड़ा किया था, जिसके बाद से वह अवसाद में थी।
हालांकि, पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँची है और उसने आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए युवती के मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट की जांच शुरू कर दी है।
घटनास्थल पर पुलिस की सक्रियता और साक्ष्य संग्रह
घटना की सूचना मिलते ही सदर थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने इमारत के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि युवती अकेली आई थी या किसी के साथ। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा किए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इमारत की छत से युवती का बैग, मोबाइल और कुछ दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में कुछ पन्नों पर मानसिक परेशानी और भविष्य की अनिश्चितता से जुड़े शब्द लिखे मिले हैं। हालांकि कोई सुसाइड नोट स्पष्ट रूप से नहीं मिला है।
परिवार के बयान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
Nagpur DIG Daughter Suicide: डीआईजी और उनके परिवारजन इस घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी है। परिवार के एक नजदीकी रिश्तेदार ने बताया कि आकांक्षा पढ़ाई में होशियार थी लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसकी दिनचर्या में बदलाव देखा जा रहा था।
राज्य पुलिस विभाग ने इस घटना को ‘व्यक्तिगत त्रासदी’ बताते हुए पूरी जांच के आदेश दिए हैं। नागपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि “किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के परिवार से जुड़ी घटना को अत्यंत संवेदनशीलता से देखा जाएगा। किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी।”
सोशल मीडिया पर गहराया शोक और सवाल
जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कई उपयोगकर्ताओं ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में अभी भी गंभीरता की कमी है। कई लोगों ने यह भी लिखा कि पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों पर मानसिक दबाव अक्सर सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आता, लेकिन यह उनके जीवन को गहराई से प्रभावित करता है।
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर फिर उठा सवाल
यह मामला एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस परिवारों में तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए पारिवारिक संवाद और भावनात्मक सहयोग बेहद आवश्यक है।
प्रशासन की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, एम्स प्रशासन ने भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।