RSS Prayer AV Launch in Nagpur | Mohan Bhagwat on Sangh Prarthana
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रार्थना को आधुनिक स्वरूप में प्रस्तुत करने के लिए विशेष RSS Prayer AV Launch in Nagpur कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ की प्रार्थना केवल शब्दों का उच्चारण नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र और समाज के प्रति सामूहिक संकल्प और आत्मबल का स्रोत है।
उन्होंने बताया कि 1939 से संघ के स्वयंसेवक प्रतिदिन शाखाओं में इस प्रार्थना को दोहराते आ रहे हैं। निरंतर साधना और सामूहिक भावना से यह प्रार्थना अब मंत्र जैसी शक्ति प्राप्त कर चुकी है। “यह केवल बताने योग्य विषय नहीं है, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभव करने की बात है,” उन्होंने कहा।
इस कार्यक्रम में संघ की प्रार्थना का नया audio–visual version जारी किया गया, जिसमें आधुनिक संगीत संयोजन और भारतीय भाषाओं में अर्थ सहित प्रस्तुति दी गई। इस प्रयास का उद्देश्य युवाओं और नए स्वयंसेवकों तक संघ की प्रार्थना की भावना को और गहराई से पहुँचाना है।
प्रसिद्ध संगीतकार राहुल रानडे ने संगीत संयोजन किया, जबकि गायक शंकर महादेवन ने अपनी आवाज दी। सुप्रसिद्ध उद्घोषक हरीश भिमानी ने अपनी विशिष्ट वाणी से प्रार्थना को और अधिक प्रभावशाली बनाया।
डॉ. भागवत ने कहा, “संघ की प्रार्थना केवल गाने या सुनने का माध्यम नहीं है। यह राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पण तथा आत्मबल का स्त्रोत है। सामूहिकता और साधना से जब कोई संकल्प जुड़ता है, तो वह मंत्र का सामर्थ्य प्राप्त कर लेता है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय बदलने के साथ परंपराओं को आधुनिक स्वरूप देना आवश्यक है ताकि नई पीढ़ी उससे जुड़ सके। इसलिए तकनीक और संगीत के आधुनिक माध्यमों का उपयोग कर इस प्रार्थना को नए रूप में प्रस्तुत किया गया है।
संघ की प्रार्थना का ऐतिहासिक महत्व
संघ की प्रार्थना का आरंभ 1939 में हुआ था। तब से अब तक हर स्वयंसेवक इसे प्रतिदिन शाखाओं में दोहराता आ रहा है। यह केवल धार्मिक या आध्यात्मिक कर्म नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और आत्मशक्ति का प्रतीक है। संघ मानता है कि सामूहिक प्रार्थना से अनुशासन, ऊर्जा और एकता की भावना विकसित होती है।
कलाकारों का योगदान
कार्यक्रम में योगदान देने वाले कलाकारों ने भी इसे एक विशेष आयाम दिया। राहुल रानडे का संगीत संयोजन पारंपरिक भावनाओं और आधुनिकता का अनूठा संगम माना जा रहा है। शंकर महादेवन की दमदार आवाज ने इसे नई ऊर्जा दी, जबकि हरीश भिमानी की उद्घोषणा ने इसे और प्रभावशाली बनाया।
इन कलाकारों का कहना था कि यह उनके लिए भी असाधारण अनुभव रहा, क्योंकि इसमें उन्होंने केवल संगीत या आवाज नहीं दी, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी संकल्प को अपनी कला से स्वरबद्ध किया।
वेब स्टोरी:
यह RSS Prayer AV Launch in Nagpur केवल संघ की परंपरा का नया रूप नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि आधुनिकता और परंपरा का संगम मिलकर समाज को नई दिशा दे सकता है। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि सामूहिक साधना और संकल्प जब कला और तकनीक से जुड़ते हैं, तो वे मंत्र जैसी शक्ति प्राप्त कर लेते हैं।