नागपुर, 25 सितम्बर: Maharashtra सरकार अब Nagpur Expansion Project को लेकर तेज़ी से आगे बढ़ रही है। लाडगांव और गोधनी रिठी क्षेत्र में होने वाले इस विस्तार ने किसानों और स्थानीय नागरिकों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
जिल्हा नियोजन भवन में आयोजित बैठक में Guardian Minister Chandrashekhar Bawankule ने स्पष्ट किया कि यह प्रकल्प किसानों को साथ लेकर ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में Nagpur Expansion Project किसानों को न्याय दिलाने और उनके अधिकार सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।

किसानों के लिए आश्वासन
बैठक में सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधायक कृपाल तुमाने, वरिष्ठ अधिकारी और किसान प्रतिनिधि मौजूद थे। किसान प्रतिनिधि किशोर आष्टनकर ने कहा कि किसानों को विकास का विरोध नहीं है, लेकिन उन्हें भी परियोजना में हिस्सा मिलना चाहिए। इसके लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जो प्रशासन से किसानों की ओर से चर्चा करेगी।
बावनकुळे ने साफ कहा कि Nagpur Expansion Project में सभी भूमिपुत्रों (local farmers and landowners) को उचित मुआवजा और लाभ मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण उनकी सहमति और न्यायसंगत प्रक्रिया से किया जाएगा।

भूमिपुत्रों की भागीदारी और Compensation Model
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन किसानों की जमीन जाएगी, उन्हें अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही, उन्हें परियोजना में हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। यह मॉडल किसानों के लिए पारदर्शी और न्यायपूर्ण साबित होगा।
गुठेवारी भूखंड और नीति सुधार
बैठक में Guardian Minister ने गुठेवारी भूखंडों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को तेज करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही नीति लाएगी जिससे कोई भी प्लॉट बिना रजिस्ट्री के नहीं रहेगा। Nagpur Improvement Trust (NIT) और विकास प्राधिकरण को मापन के अधिकार देने का प्रस्ताव भी सरकार के विचाराधीन है।
नागपुर का विकास और भविष्य
विशेषज्ञों का मानना है कि Nagpur Expansion Project नागपुर को महाराष्ट्र का एक बड़ा शहरी और औद्योगिक हब बनाने की दिशा में अहम कदम है। इस विस्तार से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि किसानों को भी विकास में सीधी भागीदारी मिलेगी।

वेब स्टोरी:
जनता की प्रतिक्रिया
किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से वे चाहते थे कि विकास परियोजनाओं में उनकी आवाज सुनी जाए। अगर सरकार पारदर्शी नीति और उचित मुआवजा देती है तो यह प्रकल्प किसानों और नागपुर शहर दोनों के लिए ऐतिहासिक साबित होगा।