नागपुर में एनसीपी कार्यालय में महिला के डांस पर विवाद तेज
नागपुर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के कार्यालय में आयोजित दिवाली मिलन समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में एक महिला प्रसिद्ध मराठी गीत “वाजले की बारा” पर नाचती हुई दिखाई दे रही है। कार्यक्रम में मौजूद पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस प्रस्तुति पर तालियां बजाते और उत्साह जताते नजर आए।
विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा “राजनीतिक कार्यालय में अनुचित आयोजन”
वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इस आयोजन की आलोचना की है। उनका कहना है कि किसी राजनीतिक दल के दफ्तर में ऐसे मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन अनुचित है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं ने इस मामले को लेकर एनसीपी पर निशाना साधा। उनका तर्क है कि जब जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, तब सत्तारूढ़ गुटों को इस तरह के आयोजनों से बचना चाहिए।
एनसीपी पदाधिकारियों की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेताओं ने सफाई दी है। उनका कहना है कि यह दिवाली मिलन समारोह पूरी तरह सांस्कृतिक था। कार्यक्रम में महिला द्वारा किया गया नृत्य स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति का हिस्सा था और इसमें किसी तरह की अशोभनीयता नहीं थी। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि वीडियो को राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
सांसद सुनेत्रा पवार ने ली जानकारी
सूत्रों के अनुसार, एनसीपी सांसद सुनेत्रा पवार ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने नागपुर के स्थानीय पदाधिकारियों से बात कर पूरी जानकारी मांगी। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस तरह के आयोजनों में मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी है।
सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर भारी चर्चा चल रही है। कुछ लोगों ने इसे “सांस्कृतिक कार्यक्रम” बताते हुए सामान्य बताया, वहीं कई यूजर्स ने इसे “राजनीति और सार्वजनिक मर्यादा” से जुड़ा मुद्दा बताया।
एक यूजर ने लिखा, “राजनीतिक दफ्तर कोई क्लब नहीं है।” वहीं दूसरे ने टिप्पणी की, “दिवाली के मौके पर यह मनोरंजन कार्यक्रम ठीक है, बस सीमाएं तय रहनी चाहिए।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर राजनीतिक सियासत
महाराष्ट्र में अक्सर राजनीतिक दलों के सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर विवाद उठता रहा है। कुछ साल पहले मुंबई में भी एक स्थानीय राजनीतिक संगठन के समारोह में इसी तरह का विवाद देखने को मिला था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे आयोजन पार्टियों के लिए “जनसंपर्क माध्यम” बन गए हैं, पर जब मनोरंजन का रूप राजनीति से जुड़ता है, तो आलोचना स्वाभाविक होती है।
नागपुर एनसीपी इकाई पर बढ़ा दबाव
इस विवाद के बाद नागपुर एनसीपी इकाई पर दबाव बढ़ गया है। संगठन के भीतर भी कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसे आयोजनों में संयम और शालीनता जरूरी है, ताकि पार्टी की छवि पर असर न पड़े।
वहीं, पार्टी के कुछ नेता इसे “अति प्रतिक्रिया” बता रहे हैं। उनका कहना है कि सोशल मीडिया के युग में हर छोटा वीडियो वायरल होकर विवाद का कारण बन जाता है।
अब पार्टी ने तय किए दिशा-निर्देश
सूत्रों के अनुसार, नागपुर एनसीपी कार्यालय ने भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है। इनमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उचित परिधान, मर्यादित प्रस्तुति और आयोजक की जिम्मेदारी तय करने जैसी शर्तें जोड़ी जाएंगी।
पार्टी का मानना है कि ऐसे कदम से आगे किसी भी विवाद की संभावना कम होगी।