नागपुर जिले के गिट्टीखदान क्षेत्र में घटित ट्रक चोरी का मामला पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण महज़ बारह घंटे में सुलझा लिया गया। यह मामला न केवल पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधी कितने योजनाबद्ध तरीके से वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, परंतु क़ानून के लंबे हाथों से बच पाना आसान नहीं।
चोरी की वारदात कैसे घटी?
मिली जानकारी के अनुसार, 4 अक्टूबर की रात चेयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का ट्रक मोहपा से शक्कर लेकर औरंगाबाद के लिए निकला था। इस ट्रक को जीतू वर्मा नामक ड्राइवर चला रहा था। रात में उसने थकान के चलते ट्रक को काटोल नाका चौक के पास सड़क किनारे खड़ा किया और अपने घर चला गया। सुबह जब वह ट्रक के पास पहुंचा, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई — ट्रक गायब था।
घटना की सूचना तत्काल गिट्टीखदान पुलिस थाने में दर्ज कराई गई। मामला भारी माल—अर्थात लाखों रुपये के अनाज—से जुड़ा हुआ था, इसलिए पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया।

सीसीटीवी में दिखा रहस्यमयी चेहरा
जांच के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति को ट्रक लेकर जाते हुए देखा गया। पुलिस ने संदिग्ध की पहचान और लोकेशन का पता लगाने के लिए शहर के विभिन्न इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।
यही सतर्कता पुलिस को सही दिशा में ले गई। पता चला कि आरोपी ने रास्ते में ट्रक का नंबर बदलने का भी प्रयास किया, जिससे पहचान करना मुश्किल हो सके। परंतु तकनीक और पुलिस की सूझ-बूझ के आगे उसकी चालाकी ज्यादा देर नहीं टिक सकी।
पुलिस ने दाभा परिसर से पकड़ा आरोपी
पुलिस टीम ने दाभा क्षेत्र के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ाई और संदिग्ध ट्रक को चिन्हित कर लिया। कुछ ही देर में आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। उसकी पहचान ऋषभ ईबनाते के रूप में हुई, जो कि स्वयं भी पेशे से ट्रक चालक है।
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह नशे की लत का शिकार है और उसी के चलते उसने यह ट्रक चोरी करने की योजना बनाई थी। उसका इरादा ट्रक और माल दोनों को बेचकर मोटी रकम हासिल करने का था, परंतु इससे पहले कि वह कोई बड़ा नुकसान कर पाता, पुलिस ने उसे धर दबोचा।

पुलिस की सतर्कता से बची 35 लाख की संपत्ति
इस पूरे अभियान में पुलिस ने ट्रक सहित लगभग 35 लाख रुपये का अनाज बरामद किया। इससे न केवल वाहन मालिक को राहत मिली बल्कि यह भी साबित हुआ कि यदि शिकायत समय रहते दर्ज कराई जाए और पुलिस तत्परता दिखाए, तो अपराधी जल्द पकड़ में आ सकते हैं।
समाज के लिए सबक
यह घटना कई सवाल खड़े करती है — क्या ट्रक चालकों को रात में वाहन छोड़कर घर जाना चाहिए? क्या ऐसे मालवाहक वाहनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होनी चाहिए? साथ ही यह भी जरूरी है कि नशे की लत से ग्रस्त लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वे अपराध की राह पर न बढ़ें।