Nitin Gadkari Farmer Appeal: किसानों से फसल पद्धति में बदलाव और आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने शनिवार को बेला (नागपुर) में आयोजित एक भव्य किसान मेले में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाना है, तो किसानों की आय बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे बाजार की मांग के अनुसार फसल पद्धति (Crop Pattern) में बदलाव करें और उत्पादन क्षमता को व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखें।

गडकरी ने कहा कि नागपुर, भंडारा और वर्धा जैसे जिलों में गन्ने की खेती को अत्याधुनिक तकनीक से बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि शुगर फैक्ट्रियाँ अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि को उद्योग से जोड़ना अब समय की मांग है, क्योंकि केवल पारंपरिक खेती से किसानों की आय में बड़ी बढ़ोतरी संभव नहीं।
उन्होंने कहा — “भारत को समृद्ध बनाना है तो पहले किसानों को समृद्ध बनाना होगा। किसान तभी समृद्ध होंगे जब वे बाजार की मांग को समझेंगे और उसी के अनुरूप अपनी फसल पद्धति तय करेंगे।”
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कृषि में तकनीक और मूल्यवर्धन का समन्वय
गडकरी ने कहा कि आज खेती केवल उत्पादन का माध्यम नहीं रही, बल्कि यह आधुनिक तकनीक, मूल्यवर्धन और उद्यमशीलता का संगम बन चुकी है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सटीक सिंचाई प्रणाली (Micro Irrigation), जैविक खेती और बायोफ्यूल जैसे नवाचारों को अपनाएँ।
उन्होंने कहा कि अगर किसान गन्ने से केवल चीनी नहीं बल्कि इथेनॉल, बायो-सीएनजी और जैविक उत्पादों का उत्पादन शुरू करें तो उनकी आय कई गुना बढ़ सकती है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने कई योजनाएँ जैसे Namo Shetkari Yojana लागू की हैं, जिनसे किसानों को वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण मिल रहा है। किसानों को चाहिए कि वे इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएँ।

‘Agro Vision’ के माध्यम से प्रशिक्षण की अपील
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने किसानों से कहा कि वे ‘Agro Vision’ के तहत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से जुड़ें। उन्होंने बताया कि ये पहल किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देने के लिए चलाई जा रही हैं।
गडकरी ने कहा कि प्रशिक्षण से किसानों को यह सीखने में मदद मिलती है कि किस फसल में अधिक लाभ है, किस तकनीक से लागत घटाई जा सकती है और किस दिशा में बाजार की अधिक मांग है।
गन्ना खेती से जुड़ा नया मॉडल
गडकरी ने विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र के किसानों से गन्ना खेती में रुचि दिखाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शुगर फैक्ट्रियाँ तभी पूरी क्षमता से चल सकती हैं जब गन्ने की खेती का विस्तार होगा। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि शुगर इंडस्ट्री अब इथेनॉल उत्पादन की दिशा में अग्रसर है, जिससे किसानों को स्थायी आय के अवसर मिल सकते हैं।
किसानों को बनना होगा ‘उद्यमी किसान’
गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों को ‘अन्नदाता’ के साथ-साथ ‘उद्यमी किसान’ बनना होगा। उन्होंने कहा कि मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग और उत्पाद प्रसंस्करण जैसे कदम कृषि को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि और ग्रामीण उद्योगों को मिलाकर भारत में एक नई ग्रामीण अर्थव्यवस्था तैयार की जा सकती है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करेगी।
वेब स्टोरी:
Nitin Gadkari Farmer Appeal के माध्यम से केंद्रीय मंत्री ने किसानों को एक नई दिशा दी है — पारंपरिक खेती से हटकर तकनीकी, बाजारोन्मुख और मूल्यवर्धन आधारित कृषि की ओर बढ़ने की। उनका यह संदेश केवल एक अपील नहीं बल्कि भारतीय कृषि की नई सोच की शुरुआत है। यदि किसान इस दिशा में कदम बढ़ाएँ, तो भारत का कृषि क्षेत्र वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकता है।