पियूष चापले की सफलता की प्रेरक कहानी
नागपुर में जन्मा एक अनाथ बालक, जिसने बालगृह में रहकर अपने जीवन को नयी दिशा दी, आज राज्य मंत्रालय में कक्ष अधिकारी बन चुका है। महिला एवं बाल विकास विभाग, नागपुर ने इस युवक, पियूष चापले, को सम्मानित किया है।
बालगृह से मंत्रालय तक का सफर
पियूष बचपन से ही शासनमान्य बालगृह में पला-बढ़ा। वहाँ उसे शिक्षा, अनुशासन और समाजसेवकों का मार्गदर्शन मिला। बालगृह के शिक्षकों और अधिकारियों ने उसे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
समाजसेवक और जिला बाल संरक्षण अधिकारी मुस्ताक पठाण ने उसकी शिक्षा में सहयोग दिया। उन्होंने शासन से छात्रवृत्ति दिलाई और उसे आर्थिक सहायता दिलाने में मदद की। इसी सहायता से पियूष ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और आत्मनिर्भर बना।
प्रेरणा का प्रतीक बना पियूष
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सत्कार समारोह में पियूष का अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान आदेश कक्ष अधिकारी ने कहा, “पियूष जैसे बच्चे समाज के लिए प्रेरणा हैं। उचित मार्गदर्शन और शिक्षा से हर बच्चा अपना भविष्य संवार सकता है।”
आभार और सम्मान का क्षण
पियूष ने मंच से अपने गुरुओं और सहयोगियों का आभार जताया। उसने कहा कि बालगृह ने उसे जीवन का असली अर्थ सिखाया। वहाँ से मिली अनुशासन की शिक्षा ने ही उसे आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर सुनील मेसरे, छाया राऊत, मुस्ताक पठाण, शिवशंकर शेलोकर, विनायक नंदेश्वर, विजया शाह और प्रियंका चोखारे उपस्थित थे। सभी ने पियूष को बधाई दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समाज के लिए संदेश
पियूष की यह कहानी उन सभी बच्चों के लिए प्रेरक है जो अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। बालगृह या अनाथालय में पले बच्चे भी यदि उचित मार्गदर्शन और शिक्षा प्राप्त करें तो समाज में ऊँचा स्थान पा सकते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग ऐसे और बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की तैयारी में है।
सरकारी सहायता का महत्व
पियूष की सफलता यह साबित करती है कि सरकारी योजनाएँ यदि सही लोगों तक पहुँचें, तो समाज का हर वर्ग आगे बढ़ सकता है।
बाल संरक्षण और शिक्षा संबंधी योजनाओं का उद्देश्य भी यही है—हर बच्चे को समान अवसर मिलना चाहिए।
पियूष की आगे की योजना
मंत्रालय में कक्ष अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पियूष का लक्ष्य है कि वह अपने अनुभव से अन्य अनाथ बच्चों की मदद करे। वह चाहता है कि हर बालगृह का बच्चा शिक्षा और आत्मविश्वास के बल पर जीवन में आगे बढ़े।