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प्रीपेड स्मार्ट मीटरों के विरोध में नागपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का जनआंदोलन तेज

Prepaid Smart Meters Protest
Prepaid Smart Meters Protest, नागपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शुरू किया जनआंदोलन
अक्टूबर 27, 2025

प्रीपेड स्मार्ट मीटरों के विरोध में बढ़ा जनआंदोलन

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नागपुर जिला परिषद ने प्रीपेड स्मार्ट मीटरों के खिलाफ आवाज बुलंद की है। रविवार, 26 अक्टूबर को कामगार नगर में एक दिवसीय प्रतीकात्मक उपवास से आंदोलन की शुरुआत की गई। यह उपवास स्थानीय पुलिस स्टेशन के सामने आयोजित किया गया, जहां शाम को एक बड़ी जनसभा भी हुई।

सभा में उठे जनहित के मुद्दे

सभा की अध्यक्षता कॉ. ज्ञानेश्वर साठवणे ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बिजली मजदूर नेता कॉ. मोहन शर्मा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कॉ. युगल रायलू और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (सेक्युलर) के दिनेश अंडर सहारे मौजूद थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामदास पराते और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया।

रोजगार और जनहित की चिंता

कॉ. मोहन शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र में लगभग 2.5 करोड़ पुराने मीटरों को हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। यह कदम केवल निजी कंपनियों, खासकर गौतम अडाणी समूह के फायदे के लिए उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि इन मीटरों की स्थापना से करीब 28,000 बिजलीकर्मियों की नौकरियां खत्म हो जाएंगी, जो सीधे तौर पर श्रमिकों के भविष्य पर प्रहार है।

जनता के पैसों की बर्बादी

कॉ. युगल रायलू ने कहा कि जब पुराने मीटर ठीक से काम कर रहे हैं, तो उन्हें बदलना जनता के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह यह धन शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं में खर्च करे।
रायलू ने कहा कि यह नीति जनता विरोधी है और गरीब उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम करेगी।

कामगार नगर से शुरू हुआ प्रतिरोध

स्थानीय नेता कॉ. रवींद्र देविदास पराते ने आंदोलन की पृष्ठभूमि रखी और बताया कि कैसे मीटर परिवर्तन की नीति जनता पर थोप दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कदम से बिजली बिलों में पारदर्शिता के बजाय भ्रम और अन्याय बढ़ेगा।

संयुक्त विपक्ष का समर्थन

कार्यक्रम में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (सेक्युलर) जैसे दलों के प्रतिनिधियों ने साझा मंच पर सरकार की नीति की आलोचना की।
वक्ताओं ने कहा कि यह सिर्फ बिजली का मुद्दा नहीं, बल्कि जनहित और पारदर्शिता की लड़ाई है।

सभा में जुटे सैकड़ों नागरिक

शाम को हुई सार्वजनिक सभा में स्थानीय नागरिकों की बड़ी संख्या मौजूद थी। उन्होंने “स्मार्ट मीटर हटाओ, जनता का पैसा बचाओ” जैसे नारे लगाए।
कार्यक्रम का संचालन कॉ. यशवंत बुरडे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कॉ. संजय राऊत ने किया।

आंदोलन को मिले स्थानीय संगठन का समर्थन

कई सामाजिक संगठनों और मजदूर संघों ने आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
जनसभा के दौरान वक्ताओं ने अगले चरण में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की।

जनता में बढ़ता असंतोष

प्रीपेड मीटर प्रणाली से उपभोक्ताओं को हर महीने अपने खर्च का पूर्वानुमान लगाना होगा।
कई नागरिकों ने कहा कि यह व्यवस्था गरीब वर्ग पर सबसे अधिक असर डालेगी। बिजली जैसी मूलभूत सुविधा पर नियंत्रण का यह प्रयास लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

भविष्य की रणनीति तय

सभा में सर्वसम्मति से तय हुआ कि आंदोलन को राज्यव्यापी स्तर पर फैलाया जाएगा। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार मीटर परिवर्तन का निर्णय वापस नहीं लेती।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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