उत्तर नागपुर में राशन अनाज कालाबाजारी पर पुलिस का बड़ा शिकंजा
नागपुर शहर के उत्तर क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय राशन अनाज कालाबाजारी नेटवर्क पर क्राइम ब्रांच यूनिट-5 ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए बड़ा भंडाफोड़ किया। बेझनबाग स्थित नजूल ले-आउट की एक किराए की कोठी पर छापा मारकर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में अनाज जब्त किया। यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर फैले अवैध व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि क्षेत्र में किस तरह संगठित गिरोह सार्वजनिक वितरण प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
छापे के दौरान भारी मात्रा में राशन अनाज जब्त
क्राइम ब्रांच की टीम ने मकान से कुल 1326 किलो गेहूं और 3080 किलो चावल बरामद किया। यह समूचा माल सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित और अवैध रूप से संकलित किया गया बताया जा रहा है। जब्त किए गए अनाज की कुल कीमत लगभग 1.18 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यह अनाज स्थानीय बस्तियों से कुछ युवकों के माध्यम से एकत्रित किया जाता था, जिन्हें आरोपियों ने विशेष रूप से इस काम के लिए ‘पाल’ रखा था। ये युवक झुग्गी-बस्तियों में जाकर राशन कार्ड धारकों से कम कीमत पर अनाज खरीदते थे और उसे इस मकान में जमा कराया जाता था।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई, आरोपी रंगे हाथ पकड़े गए
पुलिस निरीक्षक संदीप बुवा को मिली गुप्त सूचना के अनुसार उक्त मकान का उपयोग पिछले कई महीनों से अवैध व्यापार का केंद्र बनाने के लिए किया जा रहा था। सूचना के आधार पर एपीआई गिते और उनकी टीम ने जाल बिछाया और मौका पाकर मकान पर अचानक छापा मारा। उस समय आरोपी कमरे में बंद होकर अनाज का वजन करने में व्यस्त थे। पुलिस ने कमरे को घेरकर चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
पिछले आठ महीनों से चल रहा था पूरा नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपियों में स्वप्निल नारनवरे, उसका पुत्र स्वरूप नारनवरे, शिवेन बागडे और इब्राहिम खान शामिल हैं। पूछताछ के दौरान स्वप्निल नारनवरे ने स्वीकार किया कि वह पिछले आठ महीनों से यह घर किराए पर लेकर अवैध कारोबार चला रहा था। उसने खुलासा किया कि एकत्रित किया गया अनाज भंडारा जिले की कुछ राइस मिलों तक पहुँचाया जाता था, जहाँ आगे इसका प्रसंस्करण और वितरण किया जाता था।
उत्तर नागपुर में सक्रिय हैं कई गिरोह
पुलिस जाँच से यह भी सामने आया है कि उत्तर नागपुर में राशन अनाज की कालाबाजारी से जुड़े कई छोटे-बड़े गिरोह सक्रिय हैं। ये गिरोह क्षेत्रीय स्तर पर नेटवर्क बनाकर गरीबों के हिस्से का अनाज अवैध लेनदेन में उपयोग करते हैं। यह न केवल सरकार की लोकहितकारी योजनाओं को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों को उनके हक से वंचित भी कर देता है। पुलिस का यह अभियान ऐसे नेटवर्क की कमर तोड़ने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
मकान सील, एफडीए की निगरानी में आगे की जाँच
छापेमारी के बाद पुलिस ने मकान को सील कर जरीपटका थाने के हवाले किया। इसके साथ ही जानकारी एफडीए विभाग को भी भेज दी गई है। एफडीए अधिकारी अब यह जांच कर रहे हैं कि अनाज किस प्रकार और किन माध्यमों के द्वारा बाहर भेजा जा रहा था। माना जा रहा है कि इस नेटवर्क में और भी लोग जुड़े हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।