Swavalambi Bharat Abhiyan 2025: आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को व्यवहार में लाने का आह्वान पुणे बैठक में

Swavalambi Bharat Abhiyan 2025
Swavalambi Bharat Abhiyan 2025: आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को व्यवहार में लाने का आह्वान पुणे बैठक में
नवम्बर 11, 2025

Swavalambi Bharat Abhiyan 2025: स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय बैठक पुणे में सम्पन्न

आत्मनिर्भरता को व्यवहार में लाने पर दिया गया बल

पुणे में “स्वावलंबी भारत अभियान” की अखिल भारतीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री हिरण्मय पंड्या ने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि स्वावलंबी भारत का विचार केवल चर्चा का विषय नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के आत्मबल और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में वास्तविक प्रयास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी का सिद्धांत केवल वस्तुओं तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन का मूल्य होना चाहिए।

बैठक में उन्होंने यह भी जोड़ा कि आत्मनिर्भरता का अर्थ केवल उत्पादन में आत्मसंतोष नहीं, बल्कि रोजगार, सम्मान और आत्मविश्वास से जुड़ा हुआ है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्य में स्वावलंबन को अपनाए, तो भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मज़बूत होगी बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत एक आदर्श उदाहरण बनेगा।


स्वदेशी और स्वरोजगार को राष्ट्रीय अभियान के रूप में बढ़ावा

स्वावलंबी भारत अभियान के राष्ट्रीय सह-समन्वयक श्री जितेंद्र गुप्ता ने इस अभियान के उद्देश्यों, योजनाओं और आगे की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का युवा यदि स्वदेशी उत्पादों के निर्माण और विपणन में सक्रिय रूप से जुड़ता है, तो भारत में रोजगार की समस्या बहुत हद तक समाप्त हो सकती है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य “स्वरोजगारयुक्त भारत” का निर्माण करना है, जिसमें प्रत्येक नागरिक अपनी आर्थिक जिम्मेदारी स्वयं संभाले। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी के समाधान के लिए विदेशी निवेश से अधिक जरूरी है स्वदेशी उद्योगों को सशक्त करना और स्थानीय उत्पादन को प्राथमिकता देना।

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Swavalambi Bharat Abhiyan 2025: आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को व्यवहार में लाने का आह्वान पुणे बैठक में

सहकारिता और संगठन की भूमिका पर चर्चा

सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री विनय खटावकर ने अपने संबोधन में कहा कि स्वावलंबी भारत का सपना तभी साकार होगा, जब समाज के प्रत्येक वर्ग तक इसकी भावना पहुँचाई जाए। उन्होंने बताया कि सहकारिता के माध्यम से छोटे उद्योगों और किसानों को एक मंच पर लाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक संगठनात्मक प्रयास नहीं, बल्कि यह सामाजिक जागरण का आंदोलन है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए नई दिशा तय करेगा।


छोटे प्रकल्पों के माध्यम से स्वावलंबन की ओर

Swavalambi Bharat Abhiyan 2025: भारतीय मजदूर संघ के सरचिटणीस श्री रविंद्र हिमते ने कहा कि देश में छोटे-छोटे प्रकल्पों और उद्यमों के माध्यम से ही स्वावलंबी भारत अभियान को गति दी जा सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर उद्योग और उत्पादन बढ़ाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।

उन्होंने श्रमिक वर्ग से आग्रह किया कि वे केवल मजदूरी तक सीमित न रहें, बल्कि उत्पादन और प्रबंधन के क्षेत्र में भी अपनी भूमिका निभाएँ। इससे समाज में रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा होंगे।


महाराष्ट्र में जागरूकता का विस्तार और समापन

बैठक के समापन अवसर पर महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल ढुमणे ने सभी उपस्थित प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और वंदे मातरम के सामूहिक गायन के साथ हुआ।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र इस अभियान के माध्यम से देशभर में स्वदेशी और स्वावलंबन के प्रचार का नेतृत्व करेगा।

पुणे में सम्पन्न यह बैठक केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण का प्रारंभिक चरण साबित हुई। इसमें प्रस्तुत विचार, नीति और संकल्प आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक दिशा को बदलने की क्षमता रखते हैं। स्वावलंबी भारत अभियान अब केवल एक संगठन नहीं, बल्कि यह “आत्मनिर्भर भारत” की जन-चेतना का प्रतीक बन चुका है।

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