संशोधित विद्युत वितरण क्षेत्र योजना के तहत महाराष्ट्र को 2655 करोड़ का समर्थन
नई दिल्ली, 14 नवंबर — महाराष्ट्र के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात की और महाराष्ट्र को संशोधित विद्युत वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 2655 करोड़ रुपये देने की मांग की। इस योजना के तहत महाराष्ट्र के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए केंद्रीय मंत्री ने धनराशि के शीघ्र निर्गमन का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, एक अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए भी केंद्रीय सहायता की बात की गई।
बैटरी स्टोरेज परियोजना का महत्व
बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को स्टोर किया जाता है, जिसे अधिकतम मांग के समय उपयोग में लाया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने 8000 मेगावॉट-घंटा क्षमता वाले इस बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए व्यवहार्यता अंतर (Viability Gap Funding) को मंजूरी देने की बात कही। यह कदम सौर ऊर्जा के बढ़ते उपयोग और मांग को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पहले से स्वीकृत बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट की स्थिति
पहले, केंद्र सरकार ने 4500 मेगावॉट-घंटा क्षमता वाली एक बैटरी स्टोरेज परियोजना के लिए Viability Gap Funding (VGF) को मंजूरी दी थी, और उसकी निविदाएँ भी जारी हो चुकी हैं। अब महावितरण 8000 मेगावॉट-घंटा क्षमता वाली एक और परियोजना स्थापित करने जा रहा है, जिसके लिए केंद्रीय सरकार से सहायता प्राप्त होगी।
राज्य के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर चर्चा
इस बैठक में सौर ऊर्जा के ग्रिड तक पहुँचाने और राज्य के 18 बड़े सौर प्रोजेक्ट्स की चर्चा भी की गई। इन परियोजनाओं से राज्य में न केवल ऊर्जा की पर्याप्तता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
ग्रिड की तकनीकी समस्याओं का समाधान
राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में ग्रिड की तकनीकी समस्याओं को हल करने पर भी चर्चा हुई। फडणवीस ने मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और पंप-स्टोरेज प्रोजेक्ट जैसी योजनाओं की जानकारी भी केंद्रीय मंत्री को दी। इन योजनाओं के माध्यम से महाराष्ट्र में ऊर्जा की सप्लाई को और अधिक सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उर्जा क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता
राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार संभव हैं। राज्य सरकार की ओर से विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं को गति दी जा रही है, जिनका उद्देश्य महाराष्ट्र में उर्जा संकट का समाधान करना है।