महिला डॉक्टर की आत्महत्या पर राहुल गांधी का संज्ञान
महाराष्ट्र के सातारा जिले में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध आत्महत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को डॉक्टर के परिवार से फोन पर बातचीत की और न्याय की गारंटी दी।
परिवार से भावनात्मक बातचीत
करीब सात मिनट की इस बातचीत के दौरान डॉक्टर की मां ने राहुल गांधी से कहा कि उनकी बेटी के साथ बड़ा अन्याय हुआ है और अब उन्हें न्याय चाहिए।
परिवार ने राहुल गांधी से विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
परिजनों ने आशंका जताई कि समय बीतने के साथ सबूत मिटाए जा रहे हैं।
कांग्रेस की सक्रियता और SIT की मांग
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाळ के माध्यम से डॉक्टर के परिवार से बातचीत की। सापकाळ ने बीड जिले के कवडगांव गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
गांधी ने परिवार को भरोसा दिया कि वे केंद्र और राज्य सरकार पर SIT गठन के लिए दबाव बनाएंगे।
“संस्थागत हत्या” बताया राहुल गांधी ने
राहुल गांधी ने पहले भी इस मामले को “संस्थागत हत्या” बताया था।
उन्होंने कहा था कि यह घटना भाजपा सरकार की “असंवेदनशील और अमानवीय कार्यशैली” को उजागर करती है।
गांधी ने यह भी कहा था कि युवा डॉक्टरों के साथ बढ़ते मानसिक और पेशेवर उत्पीड़न को रोकने के लिए ठोस नीति बननी चाहिए।
घटना का विवरण
डॉक्टर का शव 23 अक्टूबर की रात फालतन के एक होटल में मिला था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण फांसी लगाना बताया गया है।
डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखे नोट में पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बदाने पर बलात्कार और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बंकार पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
दोनों आरोपितों को पुलिस ने 25 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।
सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप
परिवार ने आरोप लगाया कि डॉक्टर के मोबाइल से अहम डेटा उनकी मृत्यु के बाद मिटाया गया।
उनके चाचा ने कहा कि फोन को डॉक्टर की फिंगरप्रिंट से अनलॉक कर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ डिलीट की गईं।
उन्होंने SIT जांच की मांग करते हुए कहा कि सामान्य पुलिस जांच से सच्चाई सामने नहीं आएगी।
जनाक्रोश और बंद का ऐलान
डॉक्टर के पैतृक गांव बीड के वडवाणी में लोगों ने मंगलवार को बंद का आयोजन किया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक SIT गठित नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
इस घटना ने मेडिकल समुदाय में भी गुस्सा पैदा किया है।
विपक्ष और सरकार पर सवाल
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर सरकार संवेदनशील होती, तो पीड़ित परिवार को अब तक न्याय मिल चुका होता।
उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में देरी से साक्ष्य नष्ट होने का खतरा बढ़ रहा है।
सरकारी पक्ष का कहना है कि जांच निष्पक्ष हो रही है, लेकिन विपक्ष SIT पर अड़ा हुआ है।
आगे की दिशा
राहुल गांधी ने संकेत दिया कि वह इस मुद्दे को संसद और सार्वजनिक मंचों पर उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक डॉक्टर का मामला नहीं, बल्कि व्यवस्था की असफलता का प्रतीक है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।